img

Up Kiran, Digital Desk: हमारे देश में लाखों लोग सड़कों पर रेहड़ी-पटरी लगाकर अपना घर चलाते हैं. कोरोना महामारी के मुश्किल समय में जब उनका काम-धंधा पूरी तरह बंद हो गया था, तब उनकी मदद के लिए सरकार ने 1 जून 2020 को 'पीएम स्वनिधि योजना' की शुरुआत की. इस योजना का मकसद इन छोटे व्यापारियों को कम ब्याज पर और बिना किसी गारंटी के लोन देना है, ताकि वे अपना काम फिर से शुरू कर सकें.

इस योजना के तहत, कोई भी रेहड़ी-पटरी वाला 15,000, 25,000 या 50,000 रुपये तक का लोन ले सकता है. सबसे अच्छी बात यह है कि अगर आप समय पर अपनी किश्तें चुकाते हैं, तो सरकार ब्याज में 7% की छूट देती है. साथ ही, अगर आप डिजिटल तरीके से यानी ऑनलाइन पेमेंट लेते-देते हैं, तो आपको साल में 1,600 रुपये तक का कैशबैक भी मिलता है. अगर कोई समय से पहले अपना पूरा लोन चुकाना चाहे, तो उस पर कोई अलग से चार्ज भी नहीं लगता.

कौन और कैसे ले सकता है इसका लाभ?

कोई भी स्ट्रीट वेंडर जिसके पास शहरी नगर निकाय (ULB) का पहचान पत्र है, वह इसके लिए अप्लाई कर सकता है. अगर किसी का नाम सर्वे में नहीं आया है या कोई नया विक्रेता है, तो वह भी नगर निकाय से सिफारिश पत्र (LoR) लेकर आवेदन कर सकता है.

आप पीएम स्वनिधि के ऑनलाइन पोर्टल या अपने पास के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आसानी से अप्लाई कर सकते हैं. लोन देने का काम बैंक, NBFCs और माइक्रोफाइनेंस जैसी संस्थाएं करती हैं. इसके लिए बस आधार कार्ड या वोटर आईडी जैसे सामान्य KYC दस्तावेजों की ही जरूरत होती है.