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Up Kiran, Digital Desk: संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक बार फिर पाकिस्तान ने कश्मीर का पुराना राग अलापा, लेकिन भारत ने उसे ऐसा करारा जवाब दिया है कि उसकी बोलती बंद हो गई। भारत ने पाकिस्तान को न सिर्फ झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाने से बाज आने को कहा, बल्कि उसके अपने घर में महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का कच्चा चिट्ठा भी पूरी दुनिया के सामने खोलकर रख दिया।

पाकिस्तान ने क्या कहा था: हमेशा की तरह, पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने UN में मानवाधिकारों पर चर्चा के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए। उन्होंने इसे "सबसे लंबे समय तक चलने वाला विवाद" बताया और दावा किया कि वहां लोगों पर जुल्म हो रहे हैं।

भारत का मुंहतोड़ जवाब: भारत ने इस बार चुप रहने के बजाय पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दिया। भारत की प्रतिनिधि पेटल गहेलोत ने 'राइट टू रिप्लाई' का इस्तेमाल करते हुए कहा:

"पाकिस्तान का भाषण झूठ का पुलिंदा": भारत ने कहा कि पाकिस्तान के ये भाषण "झूठे, मनगढ़ंत और भारत के खिलाफ नफरत से भरे" हैं।

"अपने घर में झांककर देखो": भारत ने पाकिस्तान को सलाह दी कि वह दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपने यहां हो रहे मानवाधिकारों के हनन पर ध्यान दे।

महिलाओं और लड़कियों का दर्द: भारत ने दुनिया को बताया कि कैसे पाकिस्तान में हर साल हजारों लड़कियों और महिलाओं, खासकर हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय की लड़कियों को जबरन अगवा कर, उनका धर्म परिवर्तन कराकर शादी कर दी जाती है।

"नरक बन गई है जिंदगी": भारत ने कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का जीवन "नरक" बन गया है और उन्हें लगातार भेदभाव, हिंसा और जबरन धर्म परिवर्तन का सामना करना पड़ रहा है।

भारत ने साफ-साफ कह दिया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे। पाकिस्तान को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने का कोई हक नहीं है।

इस जवाब ने एक बार फिर दुनिया के सामने पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर कर दिया है। एक तरफ वह कश्मीर पर झूठे आंसू बहाता है, और दूसरी तरफ उसके अपने देश में महिलाओं और अल्पसंख्यकों की आवाज को बेरहमी से कुचला जा रहा है।