Up Kiran, Digital Desk: आप रोज सुबह चाय पीते हैं। न्यूज़ देखते हैं। सीमा पर हमारे जवान दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उस जवाब के पीछे असली ताकत कौन है? वो ताकत कोई विदेशी कंपनी नहीं। वो तीन भारतीय कंपनियां हैं जिनके नाम आप शायद ही कभी लेते हों। मगर अब पूरी दुनिया इनके नाम ले रही है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी SIPRI ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दुनिया की टॉप 100 रक्षा कंपनियां जारी की हैं। इसमें भारत की तीन कंपनियां चमक रही हैं। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL 44वें नंबर पर। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड यानी BEL 58वें स्थान पर और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड यानी MDSL 91वें नंबर पर।
ये कोई छोटी बात नहीं है भाई। ये वही कंपनियां हैं जो तेजस लड़ाकू विमान बनाती हैं। ध्रुव हेलीकॉप्टर उड़ाती हैं। स्कॉर्पीन पनडुब्बी समंदर में छुपाती हैं। राडार से दुश्मन की सांस तक गिनती हैं।
सबसे खास बात ये कि HAL ने 3.8 अरब डॉलर की कमाई की। BEL की ग्रोथ 23.6 फीसदी रही। मतलब ये कंपनियां सिर्फ हथियार नहीं बना रही बल्कि पैसा भी कमा रही हैं। दुनिया के बड़े-बड़े देश हैरान हैं कि भारत इतनी तेजी से आगे बढ़ कैसे रहा है।
HAL की कहानी तो किसी फिल्म से कम नहीं। 1940 में वालचंद हीराचंद ने सपना देखा था। मैसूर के महाराजा ने जमीन दी। आज वही कंपनी आसमान का राजा है। तेजस उड़ रहा है। प्रचंड हेलीकॉप्टर तैयार हो रहा है।
BEL की बात अलग है। ये सेना की आंख और कान है। दुश्मन का राडार जाम कर दे। सैनिकों को एक दूसरे से जोड़ दे। यही BEL का कमाल है। ईवीएम भी यही बनाती है। यानी वोट भी सुरक्षित और वॉर भी सुरक्षित।
और MDSL। मुंबई का मझगांव डॉक। 1774 से चल रहा है। आज स्कॉर्पीन पनडुब्बी बना रहा है। INS विक्रांत का हिस्सा यही है। समंदर में भारत की ताकत यही खड़ी कर रहा है।
ये तीनों कंपनियां हजारों इंजीनियर और मजदूरों का पसीना हैं। इनके कारखानों में दिन रात मशीनें गूंजती हैं। ताकि हमारे जवान को सबसे अच्छा हथियार मिले।
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