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Up Kiran, Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। भले ही दोनों देशों ने अभी तक औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा नहीं की है, मगर हालात युद्ध जैसे ही बने हुए हैं। पाकिस्तान की ओर से लगातार धमकियां जारी हैं, कभी परमाणु हमले की बात की जाती है तो कभी अन्य भड़काऊ बयान दिए जाते हैं। वहीं, भारत ने भी हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जो पड़ोसी मुल्क को रास नहीं आ रहे हैं। इस गंभीर माहौल में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यदि दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति बनती है, तो कौन सा देश भारत का साथ देगा और कौन पाकिस्तान के खेमे में खड़ा होगा।

आतंकवाद की पनाहगाह पाकिस्तान की वैश्विक स्तर पर किरकिरी

पाकिस्तान हमेशा से यह भ्रम पाले हुए है कि आतंकवादियों को शरण देकर और सीमा पार आतंकी हमलों को अंजाम देकर वह मुस्लिम देशों का समर्थन हासिल कर लेगा। हालांकि, यह उसकी एक बड़ी गलतफहमी साबित हो रही है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की जमकर आलोचना हुई है और उसकी छवि एक ऐसे देश की बनी है जो आतंकवाद को बढ़ावा देता है।

इस तनावपूर्ण स्थिति में, एक ऐसा देश है जिसका रुख काफी महत्वपूर्ण हो सकता है और वह है उत्तर कोरिया। यह जानना दिलचस्प होगा कि उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह किम जोंग उन इस संभावित टकराव में किसका साथ देगा।

भारत और उत्तर कोरिया: बदलते समीकरण

भारत और उत्तर कोरिया के संबंध पारंपरिक रूप से सौहार्दपूर्ण रहे हैं। दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे के साथ सहयोग और समझदारी दिखाई है। हालांकि, भारत ने कई मौकों पर उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम और मानवाधिकार रिकॉर्ड पर अपनी चिंताएं भी व्यक्त की हैं। इसके बावजूद, दोनों देशों ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का सहयोग किया है।

खास बात यह है कि भारत ने समय-समय पर उत्तर कोरिया को मानवीय सहायता भी प्रदान की है। COVID-19 महामारी के दौरान भी भारत ने उत्तर कोरिया की मदद की थी। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी एक-दूसरे का समर्थन करते रहे हैं। इन सकारात्मक पहलुओं को देखते हुए, भारत और उत्तर कोरिया के बीच एक मजबूत राजनीतिक समझ विकसित हुई है।

पाकिस्तान और उत्तर कोरिया: विवादास्पद संबंध

वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान और उत्तर कोरिया के संबंध हमेशा से ही विवादों से घिरे रहे हैं। ऐतिहासिक रूप से, दोनों देशों के बीच सैन्य और परमाणु सहयोग रहा है। यह सहयोग 1970 के दशक में शुरू हुआ और 1990 के दशक तक जारी रहा, जिसमें विशेष रूप से परमाणु और मिसाइल तकनीक का आदान-प्रदान शामिल था। हालांकि, इस सहयोग को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी चिंताएं जताई गईं और कई बार पाकिस्तान पर उत्तर कोरिया को अवैध परमाणु तकनीक हस्तांतरित करने के आरोप भी लगे।

वर्तमान में, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर विश्लेषकों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि पुराने सैन्य सहयोग के कारण उत्तर कोरिया पाकिस्तान का साथ दे सकता है, जबकि अन्य का मानना है कि हाल के वर्षों में भारत के साथ उत्तर कोरिया के बढ़ते सकारात्मक संबंध और पाकिस्तान की वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को लेकर खराब छवि को देखते हुए उत्तर कोरिया भारत का समर्थन कर सकता है।

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