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Up Kiran, Digital Desk: हाल ही में एक दिलचस्प घटनाक्रम सामने आया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। पाकिस्तान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तक अपनी पहुँच बनाने के लिए एक खास रणनीति अपनाई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और फील्ड मार्शल असीम मुनीर, ट्रंप से मुलाकात के दौरान एक बेशकीमती तोहफा लेकर पहुंचे — एक लकड़ी के बक्से में रखा हुआ दुर्लभ खनिज (रेयर अर्थ मटीरियल)।

इस मुलाकात की एक तस्वीर व्हाइट हाउस की ओर से जारी की गई, जिसमें असीम मुनीर हाथ में लकड़ी का एक सुंदर डिब्बा पकड़े नजर आ रहे हैं। उनके पास खड़े शहबाज शरीफ मुस्कान के साथ दिखाई दिए। यह तस्वीर एक बंद कमरे में हुई अहम बैठक के बाद सामने आई, जिससे साफ है कि यह कोई औपचारिक मुलाकात भर नहीं थी, बल्कि इसके पीछे रणनीतिक सोच भी जुड़ी हुई थी।

500 मिलियन डॉलर की डील और खनिज भंडार पर फोकस

इस मुलाकात से कुछ ही दिन पहले अमेरिका की एक मेटल कंपनी और पाकिस्तान के बीच करीब 500 मिलियन डॉलर की बड़ी डील हुई थी। इसके तहत पाकिस्तान में खनिज संसाधनों के दोहन और निर्यात को लेकर सहमति बनी है। इस डील को पाकिस्तान के लिए आर्थिक रूप से बड़ा मौका माना जा रहा है।

सितंबर की शुरुआत में, पाकिस्तानी सेना से जुड़ी एक इंजीनियरिंग संस्था ने अमेरिका की मेटल्स कंपनी 'यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स' के साथ एक MoU पर दस्तखत किए हैं। इसके तहत मिसौरी में एक पॉली-मेटैलिक रिफाइनरी की स्थापना की जाएगी, जो पाकिस्तान के खनिज संसाधनों को प्रोसेस करने में मदद करेगी।

कर्ज में डूबे देश को नई उम्मीद

फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने जियो ग्रुप के सीनियर एडिटर सुहैल वारैच को बताया कि पाकिस्तान के पास दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (rare earth elements) का विशाल भंडार है। उनका दावा है कि इन संसाधनों के जरिये न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि विदेशों से निवेश भी आएगा। इस खजाने का इस्तेमाल कर पाकिस्तान अपने बढ़ते कर्ज को भी नियंत्रित कर सकता है।

चीन को पीछे छोड़ने की ट्रंप की मंशा से तालमेल

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ट्रंप पहले भी कई बार चीन के रेयर अर्थ पर वर्चस्व को चुनौती देने की बात कर चुके हैं। ऐसे में पाकिस्तान का यह कदम न केवल अमेरिका के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में है, बल्कि ट्रंप की भू-राजनीतिक रणनीति में भी फिट बैठता है।