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पंजाब के आदमपुर एयरबेस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई कड़ी चेतावनी के बाद पाकिस्तान में हलचल मच गई है।  प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा और पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) तक सीमित होगी।  उन्होंने यह भी कहा कि "आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते"  ।

इस बयान के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद से सभी संबंध तोड़ दिए हैं।  उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान अब आतंकवाद के खिलाफ है और इस दिशा में ठोस कदम उठा रहा है।  विशेषज्ञों के अनुसार, ख्वाजा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की गिरती वैश्विक छवि को सुधारने के लिए एक हताश प्रयास प्रतीत होता है  ।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह आतंकवाद को राज्य नीति के रूप में अपना रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी छवि को नुकसान पहुंचा रहा है।  उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ भारत की नीति अब और अधिक सख्त होगी और किसी भी प्रकार की आतंकवादी गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा  ।

इस बीच, पाकिस्तान ने भारत के साथ संघर्ष विराम समझौते की पुष्टि की है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की आक्रामकता का कड़ा जवाब दिया जाएगा  ।

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान भारत की नई सुरक्षा नीति और पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख को दर्शाता है।  भारत अब आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुद्दे पर ही पाकिस्तान से बातचीत करेगा, अन्य मामलों पर नहीं।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में कोई नरमी नहीं बरतेगा और पाकिस्तान को अपनी हरकतों के लिए जिम्मेदार ठहराएगा|

 

 

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