
Up kiran, Digital Desk : ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की रक्षा पंक्ति की ढाल बनी चीनी वायु रक्षा प्रणाली को भेदकर तथा मात्र 23 मिनट में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करके अपनी तकनीकी श्रेष्ठता साबित की। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद आतंकवादियों को भारत की प्रतिक्रिया सटीक और रणनीतिक थी। नियंत्रण रेखा या अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार किए बिना भारतीय सेना ने हमला कर आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया।
स्वदेशी प्रौद्योगिकी ने चमत्कार कर दिखाया
इस पूरे ऑपरेशन के दौरान स्वदेशी उच्च तकनीक प्रणालियों ने समन्वयपूर्वक काम किया। चाहे ड्रोन हो, सतह से सतह पर मार करने वाली हवाई सुरक्षा हो या इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हो, हर स्तर पर एकता से दुश्मन का मनोबल तोड़ा गया। ऑपरेशन सिंदूर में प्रयुक्त स्वदेशी तकनीक भारत की आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक मील का पत्थर है।
आकाश का शानदार प्रदर्शन
भारत ने वायु रक्षा के लिए पिकोरा, ओएसए-एके और एलएलएडी तोपों के अलावा आकाश का भी इस्तेमाल किया। आकाश ने अद्भुत प्रदर्शन किया। यह कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जो हवाई हमलों से सुरक्षा प्रदान करती है। पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले ड्रोन और मिसाइलें चीन और तुर्की में बनी थीं। इस ऑपरेशन के दौरान भारत ने अपनी तकनीकी क्षमता का भी प्रदर्शन किया और पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा को नष्ट कर दिया।
सेना और वायु सेना दोनों ने मानवरहित हवाई प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध संसाधनों और वायु रक्षा हथियारों का एक अनूठा मिश्रण प्रस्तुत किया। पाकिस्तान को सफल होने से रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लेकर आंतरिक सीमा तक सुरक्षा की कई परतें स्थापित की गईं।
तीनों सेनाओं ने उत्कृष्ट समन्वय से काम किया
भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने सेना, नौसेना और विशेषकर वायु सेना के साथ असाधारण सामंजस्य से काम किया। इन प्रणालियों ने एक अभेद्य दीवार बना दी, जिसने पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के कई प्रयासों को विफल कर दिया। भारतीय वायु सेना की एकीकृत वायु कमान एवं नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) ने इन सभी को एक साथ लाकर एक नया बल तैयार किया। आपको बता दें कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई में वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई थी। भारतीय वायु सेना ने कई पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को भारी क्षति पहुंचाई। जिसके कारण पाकिस्तान घुटनों पर आ गया।
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