
22 अप्रैल 2025, मंगलवार का दिन कई मायनों में खास रहेगा। इस दिन वैशाख कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है, जो शाम 6 बजकर 13 मिनट तक प्रभावी रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि आरंभ हो जाएगी। दिन भर कई शुभ संयोग भी बन रहे हैं, जो किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए उत्तम माने जाते हैं। आइए जानते हैं इस दिन का विस्तृत पंचांग, शुभ योग, नक्षत्र, राहुकाल और सूर्योदय-सूर्यास्त का समय।
धनिष्ठा नक्षत्र: सफलता, समृद्धि और ऊर्जा का प्रतीक
धनिष्ठा नक्षत्र, आकाश में स्थित 27 नक्षत्रों में से 23वां नक्षत्र है। इस नक्षत्र का नाम ही अपने अर्थ में समृद्धि और धन की ओर संकेत करता है। "धनिष्ठा" शब्द का अर्थ है – "अत्यंत धनी"। इसे समृद्धि, यश, वैभव और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है।
इस नक्षत्र के चार चरण होते हैं:
पहले दो चरण मकर राशि में होते हैं।
अंतिम दो चरण कुंभ राशि में स्थित होते हैं।
इस नक्षत्र के स्वामी ग्रह मंगल हैं, जो ऊर्जा और साहस के प्रतीक हैं। इसका प्रतीक चिन्ह है ढोल या मृदंग, जो उत्साह, रचनात्मकता और लयबद्ध जीवन को दर्शाता है।
वनस्पतियों में इसका संबंध शमी वृक्ष से बताया गया है। जो व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्मे हों, उनके लिए शमी वृक्ष की पूजा करना विशेष फलदायी होता है। ध्यान रहे, इस वृक्ष को किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचानी चाहिए। इससे न केवल जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं, बल्कि पारिवारिक सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
22 अप्रैल 2025: शुभ मुहूर्त की जानकारी
इस दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं जो इसे विशेष बनाते हैं:
तिथि: वैशाख कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि, शाम 6:13 बजे तक रहेगी।
शुभ योग: शुभ योग का प्रभाव रात 9:13 बजे तक बना रहेगा।
नक्षत्र: दोपहर 12:44 बजे तक श्रवण नक्षत्र प्रभावी रहेगा, इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र प्रारंभ होगा।
यह समय विवाह, नया कार्य शुरू करने, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्यों के लिए उपयुक्त माना जाता है।
22 अप्रैल को पंचक की शुरुआत
ध्यान देने योग्य बात यह है कि 22 अप्रैल से पंचक की भी शुरुआत हो रही है। पंचक एक ऐसा काल होता है जिसमें कुछ विशेष कार्य जैसे कि घर की छत ढालना, बिस्तर खरीदना, शव दाह आदि वर्जित माने जाते हैं। पंचक का आरंभ धनिष्ठा नक्षत्र से होता है और यह पांच नक्षत्रों तक चलता है। इसलिए यदि कोई विशेष कार्य करना हो, तो पंचक समाप्त होने तक प्रतीक्षा करना श्रेष्ठ रहेगा।
22 अप्रैल का राहुकाल: कौन से समय में शुभ कार्य न करें
राहुकाल को किसी भी शुभ कार्य के लिए वर्जित समय माना जाता है। इस काल में नए कार्य की शुरुआत, खरीददारी, यात्रा या पूजा जैसे कार्य नहीं करने चाहिए। नीचे कुछ प्रमुख शहरों का राहुकाल समय दिया गया है:
शहर | राहुकाल का समय |
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दिल्ली | दोपहर 3:19 बजे से शाम 4:57 बजे तक |
मुंबई | दोपहर 3:48 बजे से शाम 5:23 बजे तक |
चंडीगढ़ | दोपहर 3:38 बजे से शाम 5:16 बजे तक |
लखनऊ | दोपहर 3:19 बजे से शाम 4:57 बजे तक |
भोपाल | दोपहर 3:31 बजे से शाम 5:07 बजे तक |
कोलकाता | दोपहर 2:47 बजे से शाम 4:23 बजे तक |
अहमदाबाद | दोपहर 3:50 बजे से शाम 5:26 बजे तक |
चेन्नई | दोपहर 3:15 बजे से शाम 4:49 बजे तक |
राहुकाल के समय से बचकर ही किसी भी कार्य की योजना बनाना अधिक फलदायी रहेगा।
22 अप्रैल का सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: सुबह 5:48 बजे
सूर्यास्त: शाम 6:50 बजे
यह समय आपको दिनचर्या और पूजा पाठ के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करता है। खासतौर पर सूर्योदय के समय स्नान और ध्यान करना, मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है।