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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों के रुकावट के चलते जनता में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नगर विकास विभाग द्वारा भेजे गए एक पत्र के कारण चुनाव प्रक्रिया फिलहाल ठहराव की स्थिति में है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र की विकास योजनाओं पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
नगर विकास विभाग ने पंचायतीराज विभाग से 21 मई को जारी आदेश को रद्द करने की मांग की है, जो नए नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार पर रोक लगाता है। इस प्रतिबंध के कारण पंचायत चुनावों की समय सीमा प्रभावित हुई है और चुनावी गतिविधियां अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो सकती हैं।
इस स्थिति से पंचायत स्तर पर शासन व्यवस्था और प्रशासनिक कार्य प्रभावित होने के साथ-साथ ग्रामीण जनता की समस्याओं के समाधान में भी देरी होने की आशंका है। जब तक इस विवादित आदेश को वापस नहीं लिया जाता, तब तक चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से आगे बढ़ना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर इस मसले का शीघ्र समाधान ढूंढने की आवश्यकता है, ताकि पंचायत चुनाव समय पर हो सकें और ग्रामीण लोकतंत्र की नींव मजबूत बनी रहे।
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