pappu yadav defends nitish: बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा सीएम नीतीश कुमार पर राष्ट्रगान का अपमान करने का इल्जाम लगाए जाने के बाद ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस बीच पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए राजद पर तीखा हमला बोला है। निर्दलीय सांसद ने कहा कि जिनके खुद के दामन पर दाग हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर फेंकने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
पप्पू यादव ने इस पूरे विवाद पर अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार का इरादा क्या राष्ट्र के खिलाफ था? अगर उम्र के कारण या किसी और वजह से राष्ट्रगान के दौरान कोई चूक हुई, तो क्या इसे सीधे अपमान मान लिया जाए? जब महात्मा गांधी और बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान होता है, जब नाथूराम गोडसे जैसे लोगों की पूजा की जाती है। तब क्या ये राष्ट्र विरोधी नहीं होता? फिर नीतीश कुमार पर इतना हंगामा क्यों?
निर्दलीय सांसद ने आगे कहा कि जब नीतीश कुमार राजद के साथ गठबंधन में थे और विधानसभा में महिलाओं को लेकर कुछ विवादास्पद बयान दिए गए थे, तब क्या उनका इरादा गलत था? उस वक्त तो पीएम मोदी ने भी नीतीश जी की आलोचना की थी। मगर तब राजद चुप थी। तब आपको महिला विरोधी रवैया समझ में नहीं आया। अब अचानक नैतिकता की बात क्यों?
राजद पर पलटवार: "आपके साथ थे तब सब ठीक था?"
आगे पप्पू यादव ने राजद और तेजस्वी यादव से सीधा सवाल किया कि नीतीश कुमार आपके साथ भी तो थे। उस वक्त उनकी उम्र और अस्वस्थता पर सवाल क्यों नहीं उठाया? अब हर मुद्दे को तूल देकर खुद को राष्ट्रभक्त साबित करने की कोशिश हो रही है। मगर सच यह है कि कानून में नैतिकता का कोई पैमाना नहीं होता। अगर कोई भूल हुई भी, तो क्या हर बार इस्तीफे की मांग करना जायज है? संविधान ऐसी इजाजत नहीं देता कि हर गलती पर सजा दी जाए।
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