
बिहार के मुजफ्फरपुर शहर में शिक्षा विभाग में बड़ा घपला सामने आया है। कुछ शिक्षकों ने 9वीं और 11वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा की कॉपियां बिना जांचे ही छात्रों को फर्स्ट डिवीजन से पास कर दिया। ये मामला लीक होने के बाद बिहार शिक्षा विभाग तक पहुंचा और अब दोषी मास्टरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
ऐसे हुआ खुलासा
अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के निर्देश पर मुजफ्फरपुर के 50 से अधिक स्कूलों में जांच हुई। डीपीओ, डीईओ और बीईओ की टीम ने पाया कि कई छात्रों ने कॉपियों में सिर्फ दो-तीन सवालों के जवाब लिखे, फिर भी उन्हें फर्स्ट डिवीजन के नंबर दे दिए गए। कई मामलों में तो खाली कॉपियों को भी पासिंग मार्क्स दिए गए। इस लापरवाही के चलते भटौना हाईस्कूल और करजा हाईस्कूल सहित पांच स्कूलों में गड़बड़ी पकड़ी गई।
चार शिक्षकों पर पर गिरी गाज
शिक्षा महकमे ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। डीईओ अजय कुमार सिंह ने बताया कि भटौना हाईस्कूल के हेडमास्टर, एक संस्कृत शिक्षक, एक गणित शिक्षक और करजा हाईस्कूल के संस्कृत शिक्षक सहित चार शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इनसे 24 घंटे में जवाब मांगा गया है, जिसके बाद इन्हें निलंबित किया जाएगा। निलंबन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
जांच में सामने आया कि मूल्यांकन में भारी फर्जीवाड़ा हुआ है। शिक्षा महकमे के अफसर इस बात से हैरान हैं कि बिना जवाब वाली कॉपियों को भी नंबर दे दिए गए। विभाग ने इसे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ माना है। अब मुजफ्फरपुर के अन्य स्कूलों में भी जांच शुरू की गई है ताकि यह सुनिश्चित हो कि ऐसी गड़बड़ी कहीं और तो नहीं हुई।
--Advertisement--