
पश्चिम बंगाल में हाल ही में एक युवती शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने सनातन धर्म के प्रति सम्मान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने सनातन धर्म को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। इस पर कोलकाता पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इस गिरफ्तारी पर भाजपा नेता पवन कल्याण ने ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सनातन धर्म का अपमान किया जाता है, तो पुलिस और प्रशासन की सक्रियता कहां गायब हो जाती है? उन्होंने इसे पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करार दिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाया।
पवन कल्याण ने यह भी कहा कि जब सनातन धर्म का मजाक उड़ाया जाता है, तो गुस्सा कहां चला जाता है? उन्होंने ममता सरकार से यह सवाल किया कि क्यों ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई नहीं होती, जबकि अन्य धर्मों के प्रति अपमान पर पुलिस तुरंत सक्रिय हो जाती है।
इस मामले ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में नया मोड़ लिया है। भाजपा नेताओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और धार्मिक भेदभाव का मामला बताया है। वहीं, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने इस गिरफ्तारी से दूरी बनाई है और कहा है कि हर धर्म का सम्मान किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह सनातन धर्म का सम्मान करती हैं और ऐसी टिप्पणियों से बचने की अपील की है।
इस मामले ने एक बार फिर से धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता को उजागर किया है। राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद स्पष्ट हैं, और यह देखना होगा कि भविष्य में इस तरह के मामलों में किस प्रकार की कार्रवाई होती है।
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