Up Kiran, Digital Desk: मिस्र में सोमवार को एक खास समिट हुई, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में गाजा युद्ध पर शांति प्रस्ताव पर बातचीत हुई। इस बैठक में भारत, तुर्की, कतर, मिस्र समेत दुनिया के 20 बड़े देशों के नेता शामिल हुए।
इस मीटिंग का सबसे चौंकाने वाला पल तब आया जब ट्रंप ने कहा कि उन्होंने गाजा में जंग खत्म कराई और अब इजरायल और फिलिस्तीन दोनों ही शांति से रह सकेंगे। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर खुद को नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार बताया।
क्या है शांति प्रस्ताव में? जानिए अहम बातें
गाजा में दो साल से चल रही जंग अब खत्म हो गई है। अमेरिका द्वारा जारी किए गए शांति प्रस्ताव के मुताबिक: सभी देशों ने ट्रंप शांति समझौते पर साइन कर इसे पूरी तरह लागू करने की सहमति दी। यह प्रस्ताव मिडिल ईस्ट के लिए एक नया अध्याय साबित होगा, जिसमें सुरक्षा, उम्मीद और साझा भविष्य की बात की गई है। कतर, तुर्की और मिस्र जैसे इस्लामिक देशों ने भी इस दस्तावेज़ पर दस्तखत किए हैं।
शांति का नया युग, धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर भी जोर
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इस क्षेत्र का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बना रहेगा। इस्लाम, ईसाई और यहूदी धर्म की जड़ें इस भूमि से जुड़ी हैं, इसलिए पवित्र स्थलों की रक्षा और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व प्राथमिकता रहेगी।
यह भी तय हुआ है कि आगे कोई भी विवाद कूटनीतिक बातचीत और समझौते से सुलझाया जाएगा, न कि हिंसा से।
कट्टरपंथ और युद्ध को कहा गया अलविदा
समझौते में साफ लिखा है कि सभी देश कट्टरपंथ, उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर काम करेंगे। उनका मानना है कि संवाद और सहयोग से ही स्थायी शांति लाई जा सकती है।
इस पहल के तहत मध्य पूर्व को अब और जंग नहीं झेलनी पड़ेगी। आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर, सुरक्षित और शांत भविष्य मिलेगा।
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