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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण केंद्र में खराब सुविधाओं को लेकर एक बड़ा विरोध प्रदर्शन सामने आया है। बड़ी संख्या में महिला पुलिस ट्रेनीज़ (प्रशिक्षु) ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। यह घटना महिला पुलिस बल को सशक्त बनाने के सरकारी प्रयासों पर सवाल उठाती है।

क्या हैं महिला ट्रेनीज़ की शिकायतें?

प्रशिक्षु महिला पुलिसकर्मियों का आरोप है कि उन्हें प्रशिक्षण के दौरान बेहद खराब परिस्थितियों में रहना पड़ रहा है। उनकी मुख्य शिकायतें निम्नलिखित थीं:

अस्वच्छ शौचालय और बाथरूम: सबसे बड़ी शिकायत शौचालयों और बाथरूम की साफ-सफाई और उनकी कमी को लेकर थी। महिलाओं के लिए यह एक गंभीर मुद्दा है, खासकर जब वे बड़ी संख्या में एक साथ रह रही हों।

खराब खाना: ट्रेनिंग सेंटर में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर भी गंभीर शिकायतें थीं। प्रशिक्षुओं ने कहा कि भोजन न तो पौष्टिक है और न ही खाने योग्य, जिससे उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।

पानी की समस्या: पीने के पानी और दैनिक उपयोग के लिए पर्याप्त पानी की अनुपलब्धता भी एक बड़ी समस्या थी।

रहने की स्थिति: बैरकों में भीड़भाड़, पर्याप्त बिस्तर न होना और उचित वेंटिलेशन न होना भी उनकी शिकायतों का हिस्सा था।

चिकित्सा सुविधाएं: आपात स्थिति या सामान्य बीमारी के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं की कमी भी प्रशिक्षुओं के लिए चिंता का विषय थी।

महिला ट्रेनीज़ ने अपनी शिकायतों को लेकर कई बार अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन जब उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो उन्होंने मजबूरन विरोध प्रदर्शन का रास्ता अपनाया। यह प्रदर्शन इस बात को उजागर करता है कि सरकार को महिला पुलिस बल के प्रशिक्षण और उनके रहने की स्थिति पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

पुलिस प्रशासन ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रशिक्षुओं की शिकायतों को दूर करने का आश्वासन दिया है। यह महत्वपूर्ण है कि इन मुद्दों को गंभीरता से लिया जाए ताकि भविष्य के पुलिस बल को सशक्त और प्रेरित किया जा सके, विशेषकर महिलाओं को जो पहले ही कई चुनौतियों का सामना करते हुए इस क्षेत्र में आती हैं।

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