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Up Kiran, Digital Desk: सनातन परंपरा में पितृ पक्ष का विशेष स्थान है। यह समय 16 दिनों तक चलता है, जिसमें परिवार अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। वर्ष 2025 में पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से हो रही है और यह 21 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान पूर्वजों के प्रति श्रद्धा जताने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जैसे कर्म किए जाते हैं। माना जाता है कि इन विधियों से आत्मा को शांति और मोक्ष का मार्ग मिलता है।
लेकिन केवल पूजा-पाठ ही नहीं, पितृ पक्ष के दौरान कुछ चीज़ों से परहेज़ करना भी उतना ही जरूरी होता है। परंपराओं में स्पष्ट उल्लेख है कि कुछ खास भोज्य पदार्थ, व्यवहार और गतिविधियों से दूरी बनानी चाहिए, ताकि पितरों की कृपा बनी रहे और वे रुष्ट न हों।
पितृ पक्ष में क्यों जरूरी है सात्विक भोजन?
पितृ तर्पण के समय मानसिक और शारीरिक शुद्धता पर जोर दिया जाता है। यही वजह है कि सात्विक भोजन को प्राथमिकता दी जाती है। इस अवधि में लहसुन, प्याज, अधिक मसालेदार या तले हुए व्यंजन खाने से मना किया जाता है। ऐसा भोजन करने से मन अशांत हो सकता है, जिससे श्राद्ध कर्म की पवित्रता भंग होती है।
इन दालों और अनाज से बनाएं दूरी
पितृ पक्ष के दौरान कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के सेवन पर रोक लगाई गई है। इन्हें खाने से पूर्वजों की आत्मा को क्लेश हो सकता है।
निम्नलिखित चीज़ों से परहेज़ करने की सलाह दी जाती है:
सफेद और काला चना
मसूर और काली उड़द की दाल
राई (काली सरसों)
काला नमक
चावल, गेहूं का सत्तू, चने का सत्तू
इन खाद्य वस्तुओं को श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पूरी तरह त्याग देना चाहिए।
कौन-कौन सी सब्ज़ियां नहीं खानी चाहिए?
पितृ पक्ष में कुछ खास सब्जियों से भी दूरी बनाए रखने की परंपरा है। यह भोजन की शुद्धता बनाए रखने और परंपरा के अनुरूप जीवन जीने का प्रतीक माना जाता है।
इन सब्ज़ियों का सेवन न करें:
बैंगन
करेला
खीरा
अरबी
मूली
आलू
साथ ही, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक तत्वों से भी बचना चाहिए। इसके अलावा पान खाना और बासी भोजन का सेवन भी वर्जित है।
किन कार्यों से करें परहेज़?
पितृ पक्ष केवल भोजन ही नहीं, जीवनशैली से जुड़े नियमों के लिए भी जाना जाता है। इन 16 दिनों में शुभ कार्यों से परहेज़ किया जाता है।
ध्यान रखें ये बातें:
नए कपड़े न खरीदें और न ही पहनें
बाल और नाखून कटवाने से बचें
घर में कोई नया कार्य या योजना शुरू न करें
अगर कोई अतिथि, पशु या पक्षी आपके घर आए तो उसे खाली हाथ न जाने दें
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