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Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के पोरसा कस्बे से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला का इलाज कराने गई एक साधारण सी मेडिकल चूक ने उसकी पूरी ज़िंदगी बदल दी। आरोप है कि इलाज के नाम पर एक झोलाछाप डॉक्टर ने उसे ऐसा इंजेक्शन लगाया कि उसकी आंखों की रोशनी चली गई।
यह मामला पोरसा के धनेला रोड का है, जहां प्रमोद जैन नामक एक व्यक्ति ने बिना किसी चिकित्सा योग्यता या प्रशिक्षण के एक क्लीनिक खोल रखा है। दावा किया जा रहा है कि उसके पास न तो किसी तरह की मेडिकल डिग्री है और न ही लाइसेंस, फिर भी वह पिछले कुछ समय से लोगों का इलाज कर रहा है।
खीर खाने के बाद तकलीफ, इलाज बना मुसीबत
घटना उस वक्त की है जब कोमल कुशवाहा नाम की महिला अपनी बेटी को लेकर इसी क्लीनिक पर पहुंचीं। बताया गया कि बेटी को खीर खाने के बाद सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके लिए इलाज की उम्मीद में वे प्रमोद जैन के पास पहुंचीं। इलाज के दौरान झोलाछाप डॉक्टर ने महिला को एक इंजेक्शन दे दिया, जिसके कुछ ही मिनट बाद महिला की आंखों की रोशनी चली गई। अब वह कुछ भी देख पाने में असमर्थ है।
पुलिस में शिकायत दर्ज, लेकिन गिरफ्तारी नहीं
अपनी बेटी के साथ कोमल कुशवाहा ने पोरसा थाना जाकर डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि केस दर्ज होने के बावजूद अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उल्टा, कोमल कुशवाहा का आरोप है कि डॉक्टर की ओर से अब उन पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
पीड़िता ने अपने माता-पिता के साथ स्थानीय जनसुनवाई में पहुंचकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को आरोपी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक औपचारिक आवेदन भी दिया है। लेकिन अब तक कार्रवाई के नाम पर सिर्फ फॉर्मेलिटी ही देखने को मिली है।
झोलाछाप डॉक्टरों का जाल और प्रशासन की चुप्पी
मुरैना में यह कोई पहला मामला नहीं है। जिले भर में ऐसे झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार है, जो खुलेआम क्लीनिक चला रहे हैं। बीते कुछ सालों में इनसे इलाज कराने के चलते कई लोगों की जान तक जा चुकी है। इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन पर लगाम कसने के लिए न तो कोई ठोस कार्रवाई की गई है और न ही अभियान चलाया गया है।
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