Up kiran,Digital Desk : सर्दियों की पहली दस्तक के साथ ही दिल्ली वालों के लिए वही पुराना और खतरनाक दुश्मन लौट आया है - ज़हरीला प्रदूषण। बुधवार की सुबह जब दिल्ली वालों की आंख खुली तो शहर घने स्मॉग की मोटी चादर में लिपटा हुआ था। आलम यह था कि कुछ मीटर दूर देखना भी मुश्किल हो रहा था और हवा में घुली ज़हरीली गैस गले में चुभन पैदा कर रही थी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़े डराने वाले हैं। बुधवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 376 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। यह एक ऐसा स्तर है, जहाँ स्वस्थ लोगों को भी सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
इंडिया गेट से अक्षरधाम तक, हर तरफ 'खतरनाक' हवा
यह ज़हरीली धुंध किसी एक इलाके तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दिल्ली इसकी चपेट में है। राजधानी के दिल, इंडिया गेट और कर्तव्य पथ पर भी स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जहाँ AQI 356 दर्ज किया गया। शहर के अन्य हिस्सों का हाल तो और भी बुरा था:
- अक्षरधाम: 405 (गंभीर)
- बुराड़ी: 396 (बहुत खराब)
- द्वारका: 377 (बहुत खराब)
- अलीपुर: 366 (बहुत खराब)
- आया नगर: 360 (बहुत खराब)
- धौला कुआं: 303 (बहुत खराब)
कितनी जहरीली है हमारी हवा? जानिए दुनिया का मानक
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हवा की गुणवत्ता के मानक दुनिया के कई देशों के मुकाबले काफी लचीले हैं। हवा में मौजूद सबसे खतरनाक कण PM2.5 को लेकर अलग-अलग देशों ने अपने मानक तय किए हैं:
साफ है कि जिस हवा को कई देश 'खतरनाक' मानते हैं, वह हमारे मानकों के हिसाब से शायद स्वीकार्य हो। यह ढील सीधे तौर पर हमारी सेहत पर भारी पड़ रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की यह खराब स्थिति कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। ऐसे में बुजुर्गों, बच्चों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। हो सके तो घर से बाहर निकलने से बचें और अगर निकलना जरूरी हो तो अच्छी क्वालिटी का मास्क ज़रूर पहनें।

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