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Up kiran,Digital Desk : राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने एक बार फिर जबरदस्त काम किया है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नेटवर्क को तगड़ा झटका देते हुए पुलिस ने उसके एक बहुत खास गुर्गे और हार्डकोर अपराधी प्रदीप गुर्जर को दबोच लिया है। यह गिरफ्तारी कोई आम गिरफ्तारी नहीं थी, बल्कि इसे अंजाम देने के लिए पुलिस को गुड़गांव की एक पॉश सोसायटी में गार्ड की नौकरी तक करनी पड़ी।

गार्ड की वर्दी में आई पुलिस, 150 CCTV खंगाले

इस ऑपरेशन की कहानी किसी थ्रिलर फिल्म जैसी है। पुलिस को खबर मिली थी कि कुख्यात बदमाश प्रदीप गुर्जर गुड़गांव की एक आलीशान सोसायटी 'एमआर पाम हिल' में छिपा बैठा है। लेकिन इतनी बड़ी सोसायटी में किसी को ढूंढना 'भूसे के ढेर में सुई' ढूंढने जैसा था।

एडीजी दिनेश एमएन की टीम ने हार नहीं मानी। हेड कांस्टेबल सुधीर कुमार ने एक खास प्लान बनाया। वह सोसायटी में गार्ड बनकर तैनात हो गए ताकि पल-पल की खबर रख सकें। टीम ने करीब 150 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और जब पक्का यकीन हो गया कि 'शिकार' फ्लैट के अंदर ही है, तो धावा बोल दिया। इस तरह 25 हजार का इनामी बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

कौन है प्रदीप गुर्जर और '6161 गैंग'?

प्रदीप गुर्जर, कोटपूतली के 'रावतों की ढाणी' का रहने वाला है, लेकिन उसका आतंक पूरे हाईवे पर फैला था। वह '6161 गैंग' का सरगना है।

  • दहशत का बिजनेस: इनका मुख्य काम हाईवे पर बने होटलों पर अंधाधुंध फायरिंग करना था। गोलियां चलाने के बाद ये धमकी भरी पर्ची भेजते थे और होटल मालिकों से रंगदारी (वसूली) मांगते थे।
  • लॉरेंस बिश्नोई कनेक्शन: पुलिस के मुताबिक, प्रदीप लॉरेंस बिश्नोई के खास साथी सचिन थापन के लिए काम कर रहा था। वह कोटपूतली, बहरोड़ और भीलवाड़ा के युवाओं को गैंग में जोड़ रहा था।

3 दर्जन से ज्यादा मुकदमे, अब पुलिस उगलाएगी राज

प्रदीप कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं है। उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, बैंक डकैती और रंगदारी जैसे 3 दर्जन से ज्यादा (36+) संगीन मामले दर्ज हैं। 7 मामलों में तो वह पुलिस को लंबे समय से चकमा दे रहा था, जिसके चलते उस पर 25 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया था।

फिलहाल, एजीटीएफ ने उसे कोटपूतली पुलिस को सौंप दिया है। अब उससे कड़ी पूछताछ की जा रही है, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नेटवर्क से जुड़े कई और बड़े राज खुलेंगे।