
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि उनकी सरकार नेशनल हेराल्ड अखबार को लगातार विज्ञापन देती रहेगी क्योंकि वह कांग्रेस से जुड़ा समाचार पत्र है। उन्होंने ये बात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्य अध्यक्ष राजीव बिंदल के उस आरोप के जवाब में कही जिसमें उन्होंने दावा किया था कि राज्य सरकार ने इस अखबार को भारी मात्रा में विज्ञापन दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में दो टूक शब्दों में कहा, "नेशनल हेराल्ड हमारा अखबार है और हम इसे भरपूर विज्ञापन देते रहेंगे।" इस बयान ने राज्य की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।
ईडी की चार्जशीट और कांग्रेस पर आरोप
यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली की एक विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत अन्य लोगों पर 988 करोड़ रुपये के कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए गए हैं।
जयराम ठाकुर का पलटवार
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अब देश की जांच एजेंसियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है ताकि उसके नेताओं के खिलाफ कार्रवाई न हो। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह भ्रष्टाचार करने के बाद भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती है। नेशनल हेराल्ड मामले में करोड़ों रुपये का घोटाला दर्ज है। इसके दस्तावेज, सबूत और गवाह सभी मौजूद हैं। ऐसे में कांग्रेस को जांच प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। अगर वह निर्दोष है, तो डरने की क्या जरूरत?"
ईडी कार्यालयों के घेराव पर सवाल
ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा देशभर में ईडी कार्यालयों का घेराव करना एक खतरनाक परंपरा की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक है और इससे कानून व्यवस्था को खतरा हो सकता है। "सिर्फ इसलिए कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई है, पूरे देश में जांच एजेंसियों के कार्यालयों को घेरना किसी भी रूप में जायज नहीं ठहराया जा सकता।"
विज्ञापन को लेकर गंभीर सवाल
जयराम ठाकुर ने नेशनल हेराल्ड को दिए गए विज्ञापनों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "यह वही अखबार है जिसकी एक भी प्रति हिमाचल प्रदेश में प्रकाशित नहीं होती। लोग इसका नाम भी केवल घोटालों की वजह से जानते हैं। इसके बावजूद सुक्खू सरकार ने ढाई साल में लगभग ढाई करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए हैं। क्या यह केवल इसलिए है क्योंकि यह अखबार कांग्रेस से जुड़ा है?"
जनता के मुद्दों से दूर होती सरकार
ठाकुर ने सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाते हुए कहा, "राज्य में जहां एक महिला को इलाज के लिए अपने जेवर गिरवी रखने पड़ रहे हैं, एक गरीब पिता 50 हजार रुपये के इंजेक्शन के लिए अपनी बेटी का इलाज नहीं करवा पा रहा है, वहीं दूसरी तरफ सरकार एक अखबार को करोड़ों रुपये बांट रही है। इससे ज्यादा अमानवीयता और कुछ नहीं हो सकती।"
राजनीतिक माहौल गर्म
इस पूरे घटनाक्रम ने हिमाचल की राजनीति को गर्मा दिया है। भाजपा सरकार पर सवाल उठा रही है कि जब राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की हालत खराब है, तब सरकार एक निष्क्रिय अखबार को करोड़ों रुपये क्यों दे रही है? दूसरी तरफ, कांग्रेस इसे अपने अधिकार और नीतिगत निर्णय के तहत बता रही है।