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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय राजनीति के गलियारों में इन दिनों एक मुलाकात ने जोरदार हलचल मचा दी है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के वरिष्ठ सांसद रामनाथ ठाकुर के बीच हुई इस बैठक के बाद, उपराष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ ठाकुर के नाम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

रामनाथ ठाकुर कोई साधारण चेहरा नहीं हैं। वह बिहार के दिग्गज समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के सुपुत्र हैं, जिन्हें हाल ही में मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया है। स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर एक अत्यंत सम्मानित जननेता थे, जिनकी पहचान समाज के वंचित वर्गों के लिए उनके संघर्ष और 'जननायक' के रूप में थी। उनके बेटे होने के नाते रामनाथ ठाकुर को भी बिहार की राजनीति में एक मजबूत जनाधार और नैतिक समर्थन प्राप्त है।

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) और बीजेपी ने फिर से हाथ मिलाया है और दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव के बाद अपने गठबंधन को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं। दोनों पार्टियों के बीच संबंधों को मजबूत करने और भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों पर चर्चा करने के लिहाज से इसे बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

उपराष्ट्रपति पद की अटकलें क्यों?

सबसे बड़ी चर्चा उपराष्ट्रपति पद को लेकर है। यदि बीजेपी रामनाथ ठाकुर जैसे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय से आने वाले और कर्पूरी ठाकुर की विरासत को आगे बढ़ाने वाले नेता को उपराष्ट्रपति पद के लिए आगे बढ़ाती है, तो यह एक बड़ा राजनीतिक संदेश होगा। यह संदेश जाएगा कि बीजेपी सामाजिक न्याय के प्रति गंभीर है और अपने गठबंधन सहयोगियों को भी सम्मान दे रही है। यह कदम बिहार में बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन को और मजबूत कर सकता है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर।

रामनाथ ठाकुर वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और अपने शांत स्वभाव तथा साफ-सुथरी छवि के लिए जाने जाते हैं। उनकी उम्मीदवारी, अगर होती है, तो यह गठबंधन के भीतर और बाहर दोनों जगह सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

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