img

Up Kiran, Digital Desk: त्योहारी सीजन में जहां पूरा देश रौशनी और खुशी में डूबा है, वहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का एक बयान सियासी गलियारों में हलचल मचा रहा है। दीपावली और क्रिसमस की तुलना करते हुए यादव ने कहा कि "दिए और मोमबत्ती जलाना एक तरह से फिजूलखर्ची है" और उन्होंने लोगों से क्रिसमस से सीख लेने की बात कही। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक पारा चढ़ गया है।

इस टिप्पणी पर सबसे तीखी प्रतिक्रिया आई मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से, जहां हूजूर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। रविवार को मीडिया से बात करते हुए शर्मा ने कहा, “दिए देखकर जिनका दिल जलता है, वो जलते रहें। हम तो दीप जलाकर दुनिया को रोशन करते रहेंगे।”

धर्म और राजनीति का टकराव

शर्मा ने यादव के बयान को सीधे तौर पर सनातन धर्म के अपमान से जोड़ा। उन्होंने कहा, “जिनके पूर्वज कारसेवकों के हत्यारे रहे हों, उनसे सनातन प्रेम की उम्मीद करना ही बेमानी है। अयोध्या में दीप जलते रहेंगे और वह दिन भी जल्द आएगा जब मथुरा भी दीपावली की रोशनी से नहाएगा।”

इतना ही नहीं, शर्मा ने अखिलेश यादव पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि यादव बार-बार सनातन धर्म का अपमान करते हैं और इस्लाम व ईसाई धर्म की चापलूसी करते हैं।

बयान का संदर्भ क्या था?

अखिलेश यादव का यह बयान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या में हर साल आयोजित किए जाने वाले 'दीपोत्सव' कार्यक्रम के संदर्भ में आया था। उनका इशारा सरकारी खर्चे पर होने वाले आयोजन की भव्यता और उसके औचित्य पर था। लेकिन बीजेपी ने इसे सनातन धर्म विरोधी करार देते हुए सियासी मोर्चा खोल दिया है।