
Up Kiran, Digital Desk: त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। राज्य सरकार के अगरतला टाउन हॉल का नाम बदलकर भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर रखने के प्रस्ताव का कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों ने कड़ा विरोध किया है। इस कदम को राजनीतिक ध्रुवीकरण और इतिहास को बदलने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने यह प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि देना है, जिन्हें राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रतीक माना जाता है। हालांकि, विपक्षी दल – कांग्रेस और लेफ्ट फ्रंट – इसे राजनीतिक एजेंडा बता रहे हैं।
विरोध के मुख्य तर्क: राजनीतिक एजेंडा: विपक्षी दलों का आरोप है कि यह कदम एक विशिष्ट विचारधारा को थोपने की कोशिश है और इसका उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक लाभ उठाना है।
ऐतिहासिक महत्व: उनका तर्क है कि टाउन हॉल का अपना एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, और इसका नाम बदलना शहर की विरासत के साथ खिलवाड़ है।
स्थानीय भावनाएं: कई स्थानीय लोगों का मानना है कि ऐसे सार्वजनिक स्थलों के नाम बदलने से पहले आम सहमति और व्यापक चर्चा होनी चाहिए।
विपक्षी दलों ने मांग की है कि सरकार इस फैसले को वापस ले और ऐसे विवादित कदमों से बचे जो समाज में विभाजन पैदा कर सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सरकार अपने फैसले पर अडिग रहती है, तो वे लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे।
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