
21 अप्रैल 2025, सोमवार की सुबह वेटिकन से एक गहरी और भावुक करने वाली खबर आई—कैथोलिक चर्च के प्रमुख, पोप फ्रांसिस का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वेटिकन स्थित उनके आवास, कासा सांता मार्टा में सुबह 7:35 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। कार्डिनल केविन फेरेल ने उनके निधन की पुष्टि की।
पोप फ्रांसिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे डबल निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और गुर्दे की समस्याओं से जूझ रहे थे। 14 फरवरी को उन्हें रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मार्च में उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली, लेकिन उनकी हालत नाजुक बनी रही। निधन से एक दिन पहले यानी 20 अप्रैल को उन्होंने सेंट पीटर स्क्वायर में ईस्टर संडे के अवसर पर लोगों को आशीर्वाद भी दिया और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी।
दुनिया भर से श्रद्धांजलियों का सिलसिला
पोप फ्रांसिस के निधन की खबर सामने आते ही विश्व भर के नेताओं और धार्मिक समुदायों ने गहरा शोक व्यक्त किया।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की श्रद्धांजलि
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने संदेश में लिखा,
“ब्यूनस आयर्स से लेकर रोम तक, पोप फ्रांसिस का उद्देश्य था कि चर्च सबसे गरीब लोगों के लिए आशा का केंद्र बने। वे लोगों को एक-दूसरे और प्रकृति के साथ जोड़ना चाहते थे। उनकी यह आशा हम सबको प्रेरित करती रहेगी। मेरी पत्नी और मैं इस दुख की घड़ी में सभी कैथोलिकों के साथ हैं।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की प्रतिक्रिया
जेडी वेंस, जो हाल ही में पोप फ्रांसिस से मिले थे, ने अपने संदेश में कहा,
“मुझे अभी पोप फ्रांसिस के निधन की खबर मिली। यह जानकर बेहद दुख हुआ। कल ही उनसे मिलना हुआ था, वे बीमार जरूर थे, लेकिन उनकी उपस्थिति में एक विशेष ऊर्जा थी। मैं उन्हें खासतौर पर उस प्रवचन के लिए याद करूंगा, जो उन्होंने कोविड के शुरुआती दिनों में दिया था—वो शब्द आज भी मन को छू जाते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी व्यक्त किया शोक
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भावुक संदेश में कहा,
“परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से गहरा दुख हुआ है। इस क्षण में, मेरी संवेदनाएं वैश्विक कैथोलिक समुदाय के साथ हैं। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर में करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने प्रभु यीशु के आदर्शों को अपनाकर अपने जीवन को समाज की सेवा में समर्पित किया। वंचितों और पीड़ितों की सेवा में उनका योगदान अद्वितीय रहा। मैं उनकी भारत यात्रा और उनसे हुई मुलाकात को हमेशा याद रखूंगा।”
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की भावुक श्रद्धांजलि
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने लिखा,
“पोप फ्रांसिस अब प्रभु यीशु के घर लौट गए हैं। यह हम सभी के लिए एक गहरी क्षति है। मैं उनके मार्गदर्शन, सलाह और शिक्षाओं की आभारी हूं। उन्होंने हमें सिखाया कि उपहार की शक्ति क्या होती है—कैसे प्रेम और शांति के मार्ग पर चलकर हम इस दुनिया को बेहतर बना सकते हैं। हम उनकी शिक्षाओं को नहीं भूलेंगे। वे अब प्रभु की शांति में हैं।”
एक युग का अंत, लेकिन विरासत अमर
पोप फ्रांसिस केवल एक धार्मिक नेता नहीं थे, वे नैतिक मूल्यों, करुणा और न्याय की आवाज थे। उन्होंने चर्च को एक नई दिशा देने की कोशिश की—सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और मानवीय गरिमा को प्राथमिकता दी। उनके शब्दों और कार्यों ने करोड़ों लोगों को छुआ।
अब जब वे हमारे बीच नहीं हैं, दुनिया उन्हें एक ऐसे मार्गदर्शक के रूप में याद करेगी, जिन्होंने न केवल धर्म के रास्ते पर चलाया, बल्कि दिलों को भी जोड़ा।