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बचत और सुरक्षित निवेश संभव नहीं है और डाकघर का नाम नहीं आता। जबकि बैंक एफडी की ब्याज दरें घट रही हैं, डाकघर योजनाएं अभी भी लोगों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प हैं। किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra - KVP) एक ऐसी सरकारी योजना है, जो न सिर्फ सुरक्षित है बल्कि एक निश्चित समय में आपका पैसा दोगुना भी कर देती है।

किसान विकास पत्र (KVP) क्या है?
किसान विकास पत्र (केवीपी) एक सरकारी बचत योजना है जो डाकघर के माध्यम से संचालित होती है। इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें एकमुश्त जमा करना होता है और 115 महीने (9 वर्ष और 7 महीने) में वह राशि दोगुनी हो जाती है। इनी है को मार्क रिस्क है है है, डायरेक्टर भी पुरतार से बंद है।

ब्याज दर और निवेश सीमा
ब्याज दर: वर्तमान में केवीपी पर 7.5% वार्षिक ब्याज लिया जाता है।

न्यूनतम निवेश: ₹1,000

                                                                                                                                                               अधिकतम निवेश: कोई निवेश नहीं

कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना का लाभ उठा सकता है और इसे एकल या संयुक्त खाते में खोला जा सकता है। संयुक्त खाते में अधिकतम 3 लोगों को शामिल किया जा सकता है।

परिपक्वता और रिटर्न गणना
किसान विकास पत्र की पूर्ण परिपक्वता अवधि 115 महीने है। यानी अगर आपने आज 1 लाख रुपये जमा किए तो 9 साल 7 महीने बाद वह रकम 2 लाख रुपये हो जाएगी। यह योजना उन लोगों के लिए आदर्श है जो सुरक्षित दीर्घकालिक निवेश चाहते हैं और बाजार जोखिम से दूर रहना पसंद करते हैं।

पैसा पूरी तरह सुरक्षित है
चूंकि यह योजना डाकघर द्वारा संचालित है और केंद्र सरकार की गारंटी द्वारा समर्थित है, इसलिए इसमें निवेश किया गया पैसा पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है। यह विशेष रूप से बुजुर्गों, गृहिणियों, छोटे व्यवसाय मालिकों और उन लोगों के लिए आदर्श है जो अपनी बचत बढ़ाना चाहते हैं।

कर और निकासी
यद्यपि केवीपी पर अर्जित ब्याज कर योग्य है, लेकिन इसमें निवेश पर कर छूट का प्रावधान नहीं है। योजना की परिपक्वता से पहले निकासी कुछ शर्तों के साथ की जा सकती है, जैसे मृत्यु, न्यायालय का आदेश या नामिती द्वारा निकासी।

यह योजना किसके लिए है?
जो लोग निवेश का जोखिम नहीं उठाना चाहते

जिसकी निवेश अवधि लगभग 10 वर्ष है

जो सुरक्षित और निश्चित रिटर्न चाहते हैं

जो लोग एक बार पैसा निवेश करके परिपक्वता पर उसे भूल जाते हैं