
Up Kiran, Digital Desk: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बुधवार को कर्तव्य भवन 3 (Kartavya Bhavan 3) का उद्घाटन किया, जो आगामी दस कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (Common Central Secretariat) इमारतों में से पहली है. यह एक ऐतिहासिक कदम है, जो भारत की राजधानी दिल्ली में सरकारी कामकाज के तरीके को बदलने की क्षमता रखता है. यह नया पावर कॉम्प्लेक्स (Power Complex) केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों (Central Government Ministries and Departments) को एक छत के नीचे लाएगा, जो वर्तमान में पूरी दिल्ली में बिखरे हुए हैं. यह न केवल प्रशासनिक दक्षता (administrative efficiency) बढ़ाएगा, बल्कि सरकारी कामकाज में एक नई क्रांति (revolution in governance) लाने का भी वादा करता है.
कर्तव्य भवन (Kartavya Bhavan) को विशेष रूप से दक्षता (efficiency), नवाचार (innovation) और सहयोग (collaboration) को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है. अभी तक, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय और विभाग दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में स्थित हैं, जिससे समन्वय में चुनौती आती है और समय की बर्बादी होती है. इस केंद्रीकरण (centralization) का उद्देश्य नौकरशाही (bureaucracy) को अधिक सुचारू और प्रभावी बनाना है, जिससे परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और सार्वजनिक सेवाओं (public services) की डिलीवरी में सुधार होगा. यह भारत की प्रशासनिक संरचना (administrative structure of India) में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो आधुनिक शासन (modern governance) की आवश्यकताओं के अनुरूप है.
कर्तव्य भवन-3 (Kartavya Bhavan-3), जिसका सबसे पहले उद्घाटन किया गया है, में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों/विभागों के कार्यालय स्थापित होंगे. इनमें गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs), विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs), ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development), एमएसएमई मंत्रालय (Ministry of MSME), डीओपीटी (DoPT), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum & Natural Gas), और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (Principal Scientific Adviser - PSA) के कार्यालय शामिल हैं. इन प्रमुख मंत्रालयों का एक ही स्थान पर आना नीति निर्माण (policy formulation) और अंतर-मंत्रालयी समन्वय (inter-ministerial coordination) को मजबूत करेगा, जिससे सरकार के विभिन्न अंगों के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित होगा. यह कदम निर्णय लेने की प्रक्रिया (decision-making process) को तेज करेगा और अंततः देश के विकास को गति प्रदान करेगा.
यह परियोजना सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Redevelopment Project) का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की राजधानी के प्रशासनिक केंद्र को आधुनिक और कुशल बनाना है. कर्तव्य भवन जैसी अत्याधुनिक इमारतों का निर्माण भारत के बदलते कार्यबल और तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जो एक भविष्योन्मुखी सरकार की दिशा में एक बड़ा कदम है.
--Advertisement--