
Up Kiran, Digital Desk: जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर एक बहुत बड़े घोटाले का आरोप लगाकर सियासी गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। भूषण का सीधा आरोप है कि बिहार सरकार 'उद्योग' के नाम पर अपनी बेशकीमती जमीन कौड़ियों के भाव - सिर्फ 1 रुपये प्रति एकड़ की दर पर - बड़ी-बड़ी कंपनियों को लुटा रही है, जो कि "उच्चतम स्तर पर भ्रष्टाचार" है।
क्या है पूरा मामला?प्रशांत भूषण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया कि बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) के नियमों की आड़ में यह पूरा 'खेल' चल रहा है। उन्होंने आरोप लगाया:
करोड़ों की जमीन, कीमत 1 रुपया: सरकार ने बिहटा, बेगूसराय और मुजफ्फरपुर जैसे इलाकों में करोड़ों रुपये की मार्केट वैल्यू वाली औद्योगिक जमीन को सिर्फ 1 रुपये प्रति एकड़ की लीज पर दे दिया है।
बड़ी कंपनियों को फायदा: भूषण ने अडानी समूह (Adani Group) और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज (Britannia Industries) जैसी बड़ी कंपनियों का नाम लेते हुए कहा कि इन्हें इस नीति का सीधा फायदा पहुंचाया गया है।
कर्ज उठाने का 'खेल': उन्होंने इस 'घोटाले' का तरीका समझाते हुए कहा कि कंपनियां पहले तो सरकार से कौड़ियों के दाम पर जमीन लेती हैं और फिर उसी बेशकीमती जमीन को बैंकों के पास गिरवी रखकर हजारों करोड़ रुपये का कर्ज उठा लेती हैं। इससे सरकारी खजाने को दोहरा नुकसान हो रहा है।
CBI जांच की मांग, हाई कोर्ट में PIL दाखिल
प्रशांत भूषण ने इस मामले को "अविश्वसनीय" और "दिनदहाड़े डकैती" करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों से बाजार दर पर जमीन खरीदती है, और दूसरी तरफ वही जमीन उद्योगपतियों को मुफ्त में बांट रही है।
इस 'महा-घोटाले' को लेकर प्रशांत भूषण ने पटना हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) भी दायर की है। उनकी मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कराई जाए ताकि सच सामने आ सके और दोषियों को सजा मिल सके।
प्रशांत भूषण के इन गंभीर आरोपों ने नीतीश कुमार सरकार की 'सुशासन' वाली छवि पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है और आने वाले दिनों में यह मामला बिहार की राजनीति में एक बड़ा तूफान ला सकता है।