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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। जन सुराज पार्टी के नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी जेडीयू के वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी पर 200 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति जमा करने का गंभीर आरोप लगाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि चौधरी और उनके परिवार के सदस्यों ने पटना में कई जमीनें खरीदकर अवैध संपत्ति बनाई है।
पीके ने अशोक चौधरी को ‘नीतीश कुमार का दाहिना हाथ’ बताते हुए सबसे भ्रष्ट नेता करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि चौधरी की सांसद बेटी शांभवी चौधरी, दामाद सायन कुणाल और समधन अनिता कुणाल के नाम से भी बड़ी संपत्ति खरीदी गई। प्रशांत किशोर ने बताया कि ‘मानव वैभव विकास ट्रस्ट’ नाम के ट्रस्ट ने 38 करोड़ से ज्यादा की पांच जमीनें पटना में खरीदीं, जबकि पहले इस ट्रस्ट के पास कोई संपत्ति नहीं थी। उन्होंने सवाल उठाया कि इतने बड़े पैमाने पर संपत्ति खरीदने के लिए पैसा कहाँ से आया।
प्रशांत किशोर ने एक जटिल प्रक्रिया का वर्णन किया, जिसमें 2019 में चौधरी के निजी सहायक के नाम पर जमीन खरीदी गई, और बाद में इसे शांभवी चौधरी के नाम किया गया। उन्होंने बताया कि जमीन के पैसे का एक बड़ा हिस्सा आयकर विभाग की जांच के बाद ही दिया गया। पीके ने इसे बेनामी संपत्ति का क्लासिक उदाहरण बताया।
इन आरोपों पर शांभवी चौधरी ने यूट्यूब पर जवाब दिया। उन्होंने प्रशांत किशोर के आरोपों को ‘निंदनीय’ और ‘बेबुनियाद’ बताया। शांभवी ने कहा कि पीके बिहार की राजनीति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और उनका मकसद केवल नीचा दिखाना है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार की संपत्ति पूरी तरह से सार्वजनिक और पारदर्शी है।