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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजनीति में अपने बयानों से हलचल मचाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने एक बड़ा ऐलान किया है। तेजस्वी यादव को उनके विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में हराने की खुली चुनौती देने के कुछ ही दिनों बाद, पीके ने साफ कर दिया है कि वह खुद बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उनके इस ऐलान ने एक बार फिर बिहार के राजनीतिक गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।

क्या कहा प्रशांत किशोर ने: मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "मैं आपको लिखकर दे सकता हूं कि मैं चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं है।" हालांकि, उन्होंने अपनी 'जन सुराज' अभियान के बारे में बात करते हुए यह भी जोड़ा कि अगर उनकी पार्टी चुनाव लड़ती है, तो वह यह सुनिश्चित करेंगे कि तेजस्वी यादव राघोपुर से चुनाव हार जाएं।

उन्होंने कहा, "मैंने चुनौती दी है कि अगर 'जन सुराज' एक राजनीतिक दल के रूप में चुनाव लड़ता है, तो मैं यह पक्का करूंगा कि तेजस्वी यादव राघोपुर से चुनाव हारें। मैं वहां कैंप करूंगा और सुनिश्चित करूंगा कि वह हारें।"

पहले दी थी खुली चुनौती: आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव को खुली चुनौती देते हुए कहा था कि अगर तेजस्वी को लगता है कि लालू यादव के नाम पर उन्हें पूरा यादव वोट मिल जाता है, तो वह राघोपुर की सीट छोड़कर किसी और सामान्य सीट से चुनाव लड़कर दिखाएं, जहां यादव वोटरों की संख्या कम हो। पीके ने दावा किया था कि अगर 'जन सुराज' का उम्मीदवार राघोपुर से चुनाव लड़ेगा, तो वह तेजस्वी यादव को हरा देगा।

क्या है पीके की रणनीति: प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद अब कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। एक तरफ, वह खुद चुनाव न लड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ, वह बिहार के सबसे मजबूत नेताओं में से एक तेजस्वी यादव को उनके ही गढ़ में हराने का दावा भी कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि पीके खुद सीधे चुनावी मैदान में उतरने के बजाय एक 'किंगमेकर' की भूमिका निभाना चाहते हैं। वह बिहार में एक ऐसा राजनीतिक विकल्प तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं जो लालू-नीतीश के दशकों पुराने शासन को चुनौती दे सके।

अब देखना यह होगा कि क्या प्रशांत किशोर का यह दावा जमीन पर भी हकीकत में बदल पाता है या यह सिर्फ एक राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाता है।