
12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI–171) टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 241 व्यक्ति विमान में और 29 लोग जमीन पर, कुल मिलाकर लगभग 270 लोगों की जान चली गई।
वर्तमान में इस हादसे की जांच को निकटतम रूप से एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) संभाल रहा है। साथ ही, यूएस की नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड (NTSB) की भी सहायता ली जा रही है। दोनों की संयुक्त कोशिशें विमान के "ब्लैक बॉक्स" डेटा की व्याख्या और गति-इंजन में हुई घटनाओं को समझने में लगी हैं ।
अबतक प्राप्त जानकारियों के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद विमान ने केवल 600–650 फीट की ऊंचाई प्राप्त की और अचानक下降 (ड्रॉप) हो गया। इसके कुछ सेकंड बाद पायलट्स ने “मे-डे” कॉल भेजा । जांच में 'रैम एयर टरबाइन' (RAT) की स्वतः सक्रियता भी सामने आई है, जो इंजन फेल्योर या पावर लॉस के समय चालू होती है ।
सरकार ने हादसे की विस्तृत जांच के लिए तीन महीने की समयसीमा तय की है। इस उच्चस्तरीय समिति की अध्यक्षता गृह सचिव द्वारा की जाएगी, जिसमें विभिन्न मंत्रालयों, डीजीसीए, बीसीएएस और अन्य विशेषज्ञों को शामिल किया गया है । AAIB की तकनीकी रिपोर्ट और समिति की समीक्षा के बाद प्राथमिक निष्कर्ष 30 दिनों के भीतर यानी 11–12 जुलाई तक उपलब्ध हो सकते हैं ।
विभिन्न सूत्र यह भी संकेत दे रहे हैं कि प्रारंभिक रिपोर्ट में इंजन थ्रस्ट लॉस, इलेक्ट्रिकल सिस्टम, RAT की भूमिका, और पायलट की क्रिया-प्रतिक्रिया का विश्लेषण शामिल होगा। वहीं सरकार इस रिपोर्ट को पारदर्शी रूप से जारी कर भविष्य की सुरक्षा नीतियों में सुधार करना चाहती है।
आगे की प्रक्रिया में ब्लैक बॉक्स (CVR और FDR) से निकाले गए डेटा पर आधिकारिक समीक्षा होगी। इसके बाद प्राथमिक रिपोर्ट जारी होगी, और अंतिम रिपोर्ट एक साल के अंदर संभावित मानी जाती है।
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