
Up Kiran, Digital Desk: देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को बिहार के पवित्र शहर गया पहुंच रही हैं। उनका यह दौरा किसी राजनीतिक कार्यक्रम के लिए नहीं, बल्कि एक बेहद निजी और आध्यात्मिक कार्य के लिए है। राष्ट्रपति यहां चल रहे विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेले के दौरान अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए 'पिंड दान' की महत्वपूर्ण रस्म अदा करेंगी।
क्यों खास है गया में पिंड दान?
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय पूर्वजों को याद करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान हमारे पितर धरती पर आते हैं। गया जी को 'मोक्ष की भूमि' कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां फल्गु नदी के किनारे स्थित प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है और वे जन्म-मरण के चक्र से मुक्त हो जाते हैं। इसीलिए हर साल देश-दुनिया से लाखों लोग पितृ पक्ष में यहां पिंड दान करने आते हैं।
राष्ट्रपति के दौरे की खास तैयारियां
राष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर गया में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। गया के जिला मजिस्ट्रेट त्यागराजन एसएम ने जानकारी दी है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार सुबह करीब 9:45 बजे गया एयरपोर्ट पहुंचेंगी। वहां से वह सीधे विष्णुपद मंदिर जाएंगी, जहां वह मुख्य गर्भगृह में पूजा-अर्चना करेंगी।
इसके बाद, मंदिर के पुजारी अमर नाथ मेहरवार उन्हें पिंड दान की विधि कराएंगे। यह पूरी प्रक्रिया करीब एक घंटे तक चलेगी। राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए विष्णुपद मंदिर और उसके आसपास के पूरे इलाके को हाई-सिक्योरिटी जोन में बदल दिया गया है और आम लोगों के लिए उस समय प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
राष्ट्रपति का यह दौरा यह दिखाता है कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने के बावजूद वह अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक जड़ों से कितनी गहराई से जुड़ी हुई हैं।