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पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने घोषणा की है कि वह अपना वेतन नहीं लेंगे। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने ये फैसला अपने देश के खराब हालात को देखते हुए लिया है। इस बीच, पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। ऐसे में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान में चुनौतीपूर्ण आर्थिक स्थिति को देखते हुए अपने राष्ट्रपति पद के दौरान कोई वेतन नहीं लेंगे।

राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का वेतन न लेना पाकिस्तान को आर्थिक संकट से नहीं बचाएगा। पाकिस्तान इस समय बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यह देश महंगाई की बड़ी समस्या से जूझ रहा है। पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले साल अप्रैल-सितंबर की अवधि में पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 1.2 अरब डॉलर बढ़कर 86.35 अरब डॉलर हो गया। जिसमें विश्व बैंक और चीन की सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी।

68 वर्षीय आसिफ अली जरदारी ने पिछले रविवार को 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। आसिफ अली जरदारी की पार्टी पीपीपी ने 'एक्स' पर लिखा कि राष्ट्रपति ने विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ नहीं डालने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति सचिवालय प्रेस विंग ने कहा कि राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजस्व पर बोझ पड़ने से बचने के लिए वेतन नहीं लेने का निर्णय़ लिया है।

 

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