Up Kiran, Digital Desk: व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत आने वाले हैं और उससे ठीक पहले मॉस्को ने दिल्ली के सामने अपना अब तक का सबसे बड़ा सैन्य प्रस्ताव रख दिया है। रूस चाहता है कि भारत पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर Su-57E न सिर्फ खरीदे बल्कि अपने यहां लाइसेंस के साथ बनाए और पूरी तकनीक हासिल कर ले। दावा यह भी है कि यह तकनीक भारत के आने वाले स्वदेशी AMCA फाइटर को तेजी से मजबूत कर सकती है।
प्रस्ताव कितना आकर्षक है?
रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने साफ कहा कि उनका देश भारत की जरूरतों को अच्छी तरह समझता है। भारतीय वायुसेना की 60 से 70 फीसदी ताकत आज भी रूसी या पुराने सोवियत डिजाइन पर टिकी है। इसलिए तकनीक हस्तांतरण और स्थानीय उत्पादन में रूस को कोई दूसरा देश टक्कर नहीं दे सकता। दुबई एयर शो के दौरान रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में कुछ तैयार Su-57E जेट सीधे भारत को मिल सकते हैं। उसके बाद उत्पादन पूरी तरह भारत में शिफ्ट हो जाएगा। इसमें स्टेल्थ कोटिंग, नया पांचवीं पीढ़ी का इंजन, एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे रडार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित एवियोनिक्स और हथियार सिस्टम की पूरी तकनीक शामिल होगी।
भारतीय वायुसेना अब तक खामोश क्यों?
अभी तक वायुसेना की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। सितंबर 2025 में जब 114 राफेल जेट खरीदने का प्रस्ताव सामने आया तब ज्यादातर लोगों ने मान लिया था कि Su-57 का चांस लगभग खत्म हो गया। लेकिन भू-राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं। चीन और पाकिस्तान दोनों के पास अब स्टेल्थ क्षमता वाले जेट हैं या आने वाले हैं। दूसरी तरफ स्वदेशी AMCA अभी कम से कम एक दशक दूर है। ऐसे में कुछ तो करना ही पड़ेगा।
पुराने पायलट क्या सोच रहे हैं?
रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर विजयेन्द्र सिंह ठाकुर मानते हैं कि पहले Su-57 को लेकर जो बड़ी शिकायतें थीं उनमें से ज्यादातर अब दूर हो रही हैं। नया इज्देलिये-30 इंजन सुपरक्रूज देने में सक्षम होगा और इसका परीक्षण चल रहा है। सबसे खास बात दो सीटों वाला वैरिएंट हो सकता है। दूसरा पायलट ड्रोन नियंत्रण, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और डेटा फ्यूजन जैसे काम संभाल सकेगा। ठीक वही फायदा जो चीन अपने J-20 के दो सीटों वाले मॉडल से ले रहा है।

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