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Up Kiran, Digital Desk: अगर आप UPI से भुगतान करते हैं, तो आपके लिए यह एक ज़रूरी जानकारी है! देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक, ICICI बैंक ने UPI लेनदेन को लेकर एक नया नियम लागू किया है, जो 1 अगस्त, 2025 से लागू होगा। इसके अनुसार, अब ICICI बैंक पेमेंट एग्रीगेटर्स से UPI लेनदेन पर शुल्क लेगा। इससे डिजिटल लेनदेन की लागत पर असर पड़ सकता है। ICICI बैंक से पहले, Yes Bank और Axis Bank ने भी इस तरह के शुल्क लेना शुरू कर दिया था।
हर UPI लेनदेन पर लगेगा शुल्क, लेकिन एक सीमा के साथ!
ICICI बैंक ने पेमेंट एग्रीगेटर्स द्वारा किए गए प्रत्येक UPI लेनदेन पर 2 बेसिस पॉइंट (0.02%) शुल्क लेने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि अगर आप 10,000 रुपये का लेनदेन करते हैं, तो उस पर 2 रुपये का शुल्क लगेगा। हालाँकि, इस शुल्क की अधिकतम सीमा 6 रुपये प्रति लेनदेन रखी गई है।
यह शुल्क केवल उन पेमेंट एग्रीगेटर्स पर लागू होगा जिनका ICICI बैंक में 'एस्क्रो अकाउंट' है। यदि भुगतान एग्रीगेटर का आईसीआईसीआई बैंक में एस्क्रो खाता नहीं है, तो उनसे 4 आधार अंकों (0.04%) का शुल्क लिया जाएगा, जो प्रति लेनदेन अधिकतम 10 रुपये होगा। इसका मतलब है कि 10,000 रुपये के लेनदेन पर 4 रुपये का शुल्क लिया जाएगा, लेकिन इससे ज़्यादा नहीं।
इन व्यापारियों से शुल्क नहीं लिया जाएगा
भुगतान एग्रीगेटर क्या है? ये वे कंपनियाँ हैं जो ऑनलाइन व्यापारियों (जैसे दुकानें, ऑनलाइन स्टोर) को ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने में मदद करती हैं। फ़ोनपे, पेटीएम, रेज़रपे जैसी कंपनियाँ लोकप्रिय भुगतान एग्रीगेटर्स में से हैं। आईसीआईसीआई बैंक का यह शुल्क केवल उन यूपीआई लेनदेन पर लागू होगा जो सीधे आईसीआईसीआई बैंक के 'व्यापारी खाते' में जमा नहीं होते हैं। यदि व्यापारी का आईसीआईसीआई बैंक में खाता है, तो यह शुल्क नहीं लिया जाएगा।
बैंक यह शुल्क क्यों ले रहे हैं?
बैंक यह कदम इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि उन्हें यूपीआई लेनदेन को संसाधित करने के लिए बढ़ती तकनीकी और परिचालन लागत का सामना करना पड़ रहा है। यस बैंक और एक्सिस बैंक ने 8-10 महीने पहले पेमेंट एग्रीगेटर्स से इस तरह का शुल्क लेना शुरू किया था। अब आईसीआईसीआई बैंक के इस फैसले से पेमेंट एग्रीगेटर्स पर लागत का दबाव बढ़ सकता है। कुछ एग्रीगेटर्स खुद यह लागत वहन कर सकते हैं, लेकिन अगर दूसरे बड़े बैंक भी इसी तरह का शुल्क वसूलना शुरू कर देते हैं, तो यह लागत अंततः व्यापारियों या ग्राहकों पर डाल दी जा सकती है।
फिलहाल, ग्राहकों के लिए UPI लेनदेन अभी भी मुफ़्त है क्योंकि सरकार और RBI ने 'मर्चेंट डिस्काउंट रेट' को शून्य पर रखा है। लेकिन भविष्य में इसकी समीक्षा की जा सकती है। आईसीआईसीआई बैंक के इस फैसले ने डिजिटल भुगतान की भविष्य की लागतों को लेकर बहस छेड़ दी है।
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