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Up Kiran, Digital Desk: भारत में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के प्रति जागरूकता तेजी से बढ़ रही है, और इसी के साथ 'प्रोटीन क्रांति' ने भी जड़ें जमा ली हैं। लोग अब अपने खान-पान में प्रोटीन के महत्व को समझ रहे हैं, जो न केवल मांसपेशियों के निर्माण के लिए आवश्यक है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य और ऊर्जा स्तर को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह क्रांति पारंपरिक भारतीय आहार से आगे बढ़कर विशेष प्रोटीन उत्पादों की ओर बढ़ रही है, जो भारत के खाद्य बाजार को नया रूप दे रही है।

क्यों जड़ें जमा रही है 'प्रोटीन क्रांति'?

कई प्रमुख कारक इस 'प्रोटीन क्रांति' को बढ़ावा दे रहे हैं:

बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता: युवा पीढ़ी और शहरी आबादी फिटनेस को लेकर अधिक जागरूक हो रही है। वे संतुलित आहार और व्यायाम के महत्व को समझ रहे हैं, जिसमें प्रोटीन एक महत्वपूर्ण घटक है।

जीवनशैली में बदलाव: भागदौड़ भरी जीवनशैली और काम के बढ़ते दबाव के कारण लोग ऐसे भोजन की तलाश में हैं जो उन्हें तुरंत ऊर्जा दे और पौष्टिक हो।

प्रोटीन की कमी की समझ: लोगों को अब प्रोटीन की कमी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों (जैसे थकान, कमजोर प्रतिरक्षा, मांसपेशियों का क्षय) के बारे में पता चल रहा है।

उत्पादों की बढ़ती उपलब्धता: बाजार में अब प्रोटीन सप्लीमेंट्स, प्रोटीन बार, प्रोटीन शेक, प्लांट-बेस्ड प्रोटीन (जैसे सोया, मटर, चावल से बने प्रोटीन) और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है।

डिजिटल मीडिया और फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स: सोशल मीडिया और फिटनेस इन्फ्लुएंसर्स इस जागरूकता को फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग प्रोटीन युक्त आहार को अपना रहे हैं।

पारंपरिक स्रोतों से विशेष उत्पादों की ओर बदलाव

भारत पारंपरिक रूप से डेयरी उत्पादों (दूध, दही, पनीर) और दालों (जैसे चना, राजमा, मसूर) का एक बड़ा स्रोत रहा है, जो प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं। हालांकि, अब लोग सुविधाजनक और त्वरित समाधानों की ओर बढ़ रहे हैं। प्रोटीन पाउडर, एनर्जी बार और रेडी-टू-ड्रिंक प्रोटीन शेक विशेष रूप से उन लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं जो जिम जाते हैं या जिन्हें अपने व्यस्त कार्यक्रम के बीच पौष्टिक आहार लेने में कठिनाई होती है। प्लांट-बेस्ड प्रोटीन का चलन भी बढ़ रहा है, जो शाकाहारी और वीगन उपभोक्ताओं के बीच खास तौर पर लोकप्रिय हो रहा है।

बाजार का बढ़ता परिदृश्य और भविष्य की संभावनाएं

भारतीय प्रोटीन बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ब्रांड प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। स्टार्टअप्स भी इस क्षेत्र में नई और अभिनव उत्पादों के साथ प्रवेश कर रहे हैं। हालांकि, सामर्थ्य (affordability) और उत्पादों के बारे में गलत सूचनाएं अभी भी कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन कुल मिलाकर, इस बाजार में जबरदस्त विकास की संभावनाएं देखी जा रही हैं।

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