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Up Kiran, Digital Desk: भारत के लिए यह एक गर्व का क्षण है, क्योंकि रायबरेली के एक होनहार छात्र शुभ्रांशु शुक्ला को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station - ISS) की यात्रा के लिए चुना गया है। इस अविश्वसनीय उपलब्धि पर उनके माता-पिता और शिक्षक खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं, और पूरे देश में जश्न का माहौल है।

शुभ्रांशु के माता-पिता, जिन्होंने हमेशा अपने बेटे के सपनों का समर्थन किया है, ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक अविस्मरणीय पल है। उन्होंने बताया कि शुभ्रांशु हमेशा से अंतरिक्ष और विज्ञान के प्रति जुनूनी रहे हैं, और उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का फल अब मिल रहा है। उनके लिए यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि अपने बेटे के जीवन में एक अद्भुत अवसर और एक बड़े सपने का सच होना है।

उनकी शिक्षक, जिन्होंने शुभ्रांशु की क्षमताओं को पहचाना और उन्हें प्रोत्साहित किया, ने भी अपनी भावनाएं साझा कीं। उन्होंने कहा कि शुभ्रांशु हमेशा एक जिज्ञासु और मेहनती छात्र रहे हैं, और उन्हें विश्वास था कि वह कुछ असाधारण करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि शुभ्रांशु की यह उपलब्धि अन्य छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो उन्हें बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।

शुभ्रांशु रायबरेली के जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) के छात्र रहे हैं, जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की। इस प्रतिष्ठित संस्थान ने भी उनकी सफलता पर गर्व व्यक्त किया है।

ISS तक की शुभ्रांशु की यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह दर्शाता है कि दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से कुछ भी संभव है, चाहे आप कहीं से भी आते हों। यह घटना भारत के बढ़ते अंतरिक्ष कार्यक्रम और युवा प्रतिभाओं को मिलने वाले अवसरों को भी उजागर करती है।

शुभ्रांशु शुक्ला की यह उपलब्धि वास्तव में पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। उनके माता-पिता, शिक्षकों और पूरे समुदाय को उन पर बहुत गर्व है, और वे उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

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