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Up Kiran, Digital Desk: टीम इंडिया के भरोसेमंद बल्लेबाज और टेस्ट क्रिकेट में दीवार माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे पुजारा ने रविवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी।

घरेलू क्रिकेट से भी बाहर रहने के बाद फैसला

सूत्रों के अनुसार, आगामी दलीप ट्रॉफी (28 अगस्त से शुरू) के लिए वेस्ट जोन की टीम में पुजारा का चयन नहीं हुआ। आमतौर पर इस टूर्नामेंट में वे वेस्ट जोन के लिए खेलते थे, लेकिन इस बार चयन न होने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि उनका क्रिकेट करियर अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। इस टीम की कप्तानी इस बार ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को सौंपी गई है। पुजारा ने इस साल फरवरी में घरेलू स्तर पर गुजरात के खिलाफ अपना आखिरी फर्स्ट क्लास मैच खेला था।

आखिरी बार खेले थे WTC फाइनल

पुजारा पिछले लगभग दो साल से टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे। उनका अंतिम अंतरराष्ट्रीय मुकाबला जून 2023 में लंदन के ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल था। उस मैच में पुजारा बड़ी पारी नहीं खेल सके और भारत को करारी हार का सामना करना पड़ा। तब से उन्हें दोबारा टीम में जगह नहीं मिल पाई।

शानदार टेस्ट करियर

2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने वाले पुजारा ने 103 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। पुजारा का करियर कई बार राहुल द्रविड़ की भूमिका से जोड़ा गया, क्योंकि उनकी शैली स्थिरता और लंबी पारी खेलने के लिए जानी जाती थी। इसी कारण वे “भारत की नई दीवार” कहलाए।

सीमित ओवर क्रिकेट में छोटा करियर

वनडे में पुजारा का सफर बहुत लंबा नहीं रहा। उन्होंने भारत के लिए केवल 5 एकदिवसीय मैच खेले और कुल 51 रन बनाए। हालांकि, घरेलू क्रिकेट में उनका दबदबा कायम रहा। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 21,000 से अधिक रन बनाए, जिसमें 66 शतक शामिल हैं।

कमेंट्री में नया सफर

हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच हुई टेस्ट सीरीज के दौरान पुजारा कमेंट्री पैनल में नजर आए। माना जा रहा है कि संन्यास के बाद वह क्रिकेट विश्लेषण और कमेंट्री में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।