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Up Kiran, Digital Desk: पुलिस ने एक बड़े अंतरराज्यीय साइबर क्राइम रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 38 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह इतना शातिर था कि इसके तार देश के कई राज्यों से जुड़े हुए थे और ये लोग नौकरी दिलाने, लॉटरी जिताने और सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने के नाम पर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते थे।

कैसे काम करता था यह गिरोह?

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह गिरोह एक संगठित तरीके से काम कर रहा था। आरोपी लोगों को फोन करके या फर्जी विज्ञापन देकर अपने जाल में फंसाते थे। वे लोगों से कहते थे कि उनकी लॉटरी लग गई है या उन्हें एक अच्छी नौकरी मिल सकती है। एक बार जब कोई व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता, तो वे प्रोसेसिंग फीस, रजिस्ट्रेशन चार्ज या किसी और बहाने से उनसे पैसे ऐंठ लेते थे।

यह गिरोह इतना बड़ा और फैला हुआ था कि पुलिस को इसे पकड़ने के लिए एक बड़ा ऑपरेशन चलाना पड़ा।

पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने इस ऑपरेशन को "बड़ी सफलता" बताया है। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ कुछ लोगों की गिरफ्तारी नहीं है, बल्कि यह उन हजारों लोगों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई इन धोखेबाजों के हाथों गंवा दी।"

उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं क्योंकि पुलिस इस गिरोह से जुड़े बाकी लोगों की भी तलाश कर रही है। यह गिरफ्तारी दिखाती है कि कैसे साइबर अपराधी अब छोटे शहरों और कस्बों को भी अपना निशाना बना रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान फोन कॉल या मैसेज पर भरोसा न करें और अपनी कोई भी निजी जानकारी किसी से साझा न करें।