Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले डेढ़ साल से युद्ध जारी है। इसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ शांति वार्ता पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के लिए भारत और चीन या ब्राजील मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं।
पुतिन ने इकोनॉमिक फोरम में कहा कि हमारा लक्ष्य यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र पर कब्जा करना है। रूसी सेना धीरे-धीरे यूक्रेनी सेना को कुर्स्क से पीछे धकेल रही है। इसके अलावा पुतिन ने शांति वार्ता पर टिप्पणी की।
पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यूक्रेन और उससे पहले रूस का दौरा किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों दौरे बेहद अहम रहे और वैश्विक स्तर पर भी भारतीय प्रधानमंत्री के दौरे की खूब चर्चा हुई।
2022 में जब युद्ध छिड़ा तो तुर्की ने दोनों देशों के बीच समझौता कराने की कोशिश की। हालाँकि, उन शर्तों को कभी लागू नहीं किया गया। पुतिन ने रूस के पूर्वी आर्थिक मंच (ईईजेड) में बातचीत के दौरान कहा कि पहले के प्रयासों को अब बातचीत फिर से शुरू करने के आधार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में रूस का दौरा किया था। उनका यह दौरा नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ था। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की तस्वीर चर्चा में थी। उस वक्त मोदी ने कहा था कि शांति का रास्ता युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता।
इस यात्रा के दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया। मगर यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की मोदी के दौरे से नाखुश थे और उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी।
रूस दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया। वह पोलैंड से ट्रेन द्वारा कीव पहुंचे। वहां से ज़ेलेंस्की के साथ राष्ट्रीय संग्रहालय गए। वहां इन दोनों नेताओं की मुलाकात हुई। उनकी फोटो वीडियो सामने आई थी।
इस दौरे में भी यूक्रेन को बिना समय बर्बाद किए शांतिपूर्ण समाधान निकालना चाहिए। बातचीत से कोई रास्ता निकल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें इस दिशा में कदम उठाना होगा। मोदी ने ज़ेलेंस्की को संकट से निकालने में मदद करने का वादा किया था।
कुछ दिन पहले जब मैं राष्ट्रपति पुतिन से मिला तो उन्होंने मीडिया से खुलकर कहा, यह युद्ध का समय नहीं है। मोदी ने पुतिन से अपनी मुलाकात में कहा था कि युद्ध के मैदान में किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में भारत निरंतर दोनों देशों से शांति की अपील कर रहा है। भारत का हमेशा से यह रुख रहा है कि इस विवाद को जल्द से जल्द शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए। मोदी ने ज़ेलेंस्की से कहा था कि भारत यूक्रेन-रूस संघर्ष में शांति की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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