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Up Kiran, Digital Desk: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में भारत यात्रा पर आने वाले हैं। यह ऐलान खुद रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र के दौरान किया। उन्होंने कहा कि इस हाई-प्रोफाइल दौरे में भारत और रूस के बीच व्यापार, सैन्य सहयोग, तकनीकी साझेदारी, स्वास्थ्य, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और वित्त जैसे अहम क्षेत्रों में गहरे समझौते होंगे।

लावरोव ने एएनआई को दिए बयान में कहा कि दिसंबर में श्री पुतिन की नई दिल्ली यात्रा की योजना बनाई जा रही है।

उन्होंने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि भारत पूरी तरह सक्षम है अपने व्यापारिक फैसले खुद लेने में।

अमेरिका को जवाब: भारत अपने फैसले खुद करता है

लावरोव ने साफ किया कि भारत रूस के साथ अपने रिश्तों को लेकर किसी तीसरे देश से निर्देश नहीं लेता। उनका इशारा अमेरिका की उस नीति की ओर था, जो रूसी तेल खरीदने पर भारत को निशाना बनाती रही है।

लावरोव ने जोर देते हुए कहा कि हमारे संबंध किसी खतरे में नहीं हैं। भारत अपने फैसले खुद लेता है और अमेरिका भी यह समझ चुका है।

जयशंकर से हुई गहरी बातचीत

लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ हाल ही में हुई बातचीत को "खुले और रणनीतिक" विचार-विमर्श का नाम दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत लगातार जारी है और यह सहयोग की दिशा में मजबूती का संकेत है।

उन्होंने जयशंकर की तारीफ करते हुए भारत की नीति को "आत्मसम्मान से भरपूर" बताया। यह बयान ऐसे समय में आया है जब वैश्विक राजनीति में भारत का कद लगातार बढ़ रहा है।

UNSC में भारत को रूस का खुला समर्थन

लावरोव ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सदस्यता की दावेदारी का खुला समर्थन दोहराया। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य में बदलाव के लिए UNSC में सुधार जरूरी है और भारत का वहां स्थायी स्थान मिलना चाहिए।