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बैंकॉक: थाईलैंड के लिए शनिवार की सुबह एक बेहद दुखद खबर लेकर आई। देश की प्यारी 'रानी मां' (Queen Mother) और गरीबों की हमदर्द, क्वीन सिरिकित का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। रॉयल पैलेस ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने शुक्रवार देर रात अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली।

उनके निधन से पूरे थाईलैंड में शोक की लहर दौड़ गई है। क्वीन मदर सिरिकित सिर्फ एक रानी नहीं थीं, बल्कि थाई जनता के लिए वह एक मां की तरह थीं। यही वजह है कि उनके जन्मदिन (12 अगस्त) को थाईलैंड में 'मदर्स डे' के रूप में मनाया जाता है।

कौन थीं क्वीन मदर सिरिकित: क्वीन मदर सिरिकित ने दशकों तक थाईलैंड के ग्रामीण और गरीब इलाकों के विकास के लिए अथक काम किया। उन्होंने कई शाही प्रोजेक्ट्स की निगरानी की, जिनका मकसद था:

गरीबों का उत्थान: उन्होंने ग्रामीण इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों की आर्थिक मदद के लिए कई योजनाएं चलाईं।

परंपरा को बचाया: उन्होंने थाईलैंड की पारंपरिक हस्तशिल्प कलाओं को बचाने और उन्हें बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई।

पर्यावरण की रक्षा: उन्हें 'ग्रीन क्वीन' के नाम से भी जाना जाता था क्योंकि उन्होंने देश के जंगलों को बचाने के लिए कई अभियान चलाए।

2012 में स्ट्रोक का सामना करने के बाद से वह सार्वजनिक जीवन से दूर थीं, लेकिन लोगों के दिलों में उनका सम्मान कभी कम नहीं हुआ। उनके पति, राजा भूमिबोल अदुल्यादेज का 2016 में निधन हो गया था।

शाही महल ने घोषणा की है कि शाही परिवार और शाही सेवक एक साल तक शोक मनाएंगे, और सभी सरकारी दफ्तरों पर 30 दिनों तक राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। उनके निधन की खबर सुनते ही हजारों शोकाकुल लोग काले कपड़े पहनकर उस अस्पताल के बाहर इकट्ठा हो गए जहां उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली, और अपनी प्यारी रानी मां को श्रद्धांजलि दी।