_328159071.png)
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय राजनीति में बयानबाज़ी और दावों का खेल नया नहीं है, लेकिन जब कोई रणनीतिकार खुद को ‘किंगमेकर’ कहने लगे, तो राजनीतिक गलियारों में हलचल मच ही जाती है। जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के "देश में 10 मुख्यमंत्री बनाने" के दावे ने एक बार फिर बहस छेड़ दी है। लेकिन इस बार पलटवार हुआ है उनके ही पुराने सहयोगी और जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी की ओर से और अंदाज़ काफी तीखा है।
प्रशांत किशोर अकसर अपनी रणनीतिक क्षमता और चुनावी चमत्कारों का हवाला देते हुए कहते आए हैं कि उन्होंने कई राज्यों में सरकारें बनवाने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन केसी त्यागी ने इस दावे को पूरी तरह नकारते हुए कहा कि अगर उन्होंने किसी को मुख्यमंत्री बनाया है तो कम से कम एक नाम तो बताएं, जिसे उन्होंने अपने हाथों से मुख्यमंत्री बनाया हो।
उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन नेताओं के साथ प्रशांत किशोर जुड़े – जैसे नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, के. चंद्रशेखर राव या एमके स्टालिन – ये सभी पहले से ही अपनी-अपनी राज्यों की राजनीति के बड़े खिलाड़ी थे। PK ने इनका साथ जरूर दिया, लेकिन इससे इनका "मुख्यमंत्री बनना" तय हुआ, ऐसा कहना खुद की अतिशयोक्ति करना होगा।
2010 की जीत का श्रेय PK को नहीं, जेडीयू की ताकत को
केसी त्यागी ने विशेष तौर पर 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा कि तब प्रशांत किशोर का कहीं नामोनिशान भी नहीं था, लेकिन जेडीयू ने अपने बलबूते 118 सीटें जीत ली थीं। 2010 के नतीजों ने पूरे देश को चौंका दिया था। आरजेडी मुख्य विपक्षी दल बनने लायक भी नहीं बची थी।
उन्होंने ये भी याद दिलाया कि नीतीश कुमार को कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और एजेंसियों ने ‘बेस्ट गवर्निंग चीफ मिनिस्टर’ कहा था — और ये सब PK के आने से पहले की बात है। त्यागी ने अपने बयान में प्रशांत किशोर को खुलकर ‘आत्मप्रशंसा अभियान’ चलाने वाला बताया।
--Advertisement--