
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल हाल ही में अपने प्रदर्शन के चलते लगातार आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। इसी कड़ी में, पूर्व भारतीय क्रिकेटर और जाने-माने कमेंटेटर संजय मंजरेकर ने शुभमन गिल के खेल पर अपनी राय व्यक्त की है, खासकर उनकी 'बॉडी लैंग्वेज' और मैदान पर उनके 'टेम्परामेंट' (मानसिकता) को लेकर।
मंजरेकर ने शुभमन गिल के हालिया आउट होने के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब गिल पवेलियन लौट रहे थे, तो वह काफी 'घबराए' और 'थके हुए' दिख रहे थे, जैसे उन्होंने हार मान ली हो। मंजरेकर का मानना है कि गिल में वह 'लड़ने का जज्बा' नहीं दिखा, जो एक शीर्ष खिलाड़ी में होना चाहिए।
अपनी बात को समझाने के लिए मंजरेकर ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसी ही स्थिति में विराट कोहली होते, तो वे बेशक गुस्सा होते, हताश होते, लेकिन वे मैदान पर डटे रहते और हर हाल में वापसी करने की कोशिश करते। मंजरेकर के अनुसार, कोहली एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो मुश्किल परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते और हर गेंद पर लड़ने का जज्बा रखते हैं।
संजय मंजरेकर का यह बयान ऐसे समय आया है जब शुभमन गिल रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मंजरेकर का मानना है कि शुभमन गिल को अपने खेल में यह 'लड़ने का जज्बा' और 'मानसिक दृढ़ता' विकसित करनी होगी। उनका कहना है कि शीर्ष स्तर पर सफल होने के लिए सिर्फ प्रतिभा ही नहीं, बल्कि दबाव में भी शांत रहते हुए हर हाल में वापसी करने का रवैया भी बहुत जरूरी है।
क्रिकेट के मैदान पर दबाव और मुश्किल परिस्थितियों से निपटने का तरीका ही एक खिलाड़ी को महान बनाता है, और मंजरेकर का इशारा इसी ओर था। शुभमन गिल जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी के लिए यह सलाह बेहद अहम हो सकती है, ताकि वह अपने खेल को और निखार सकें और मुश्किल समय में भी टीम के लिए खड़े रह सकें।
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