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Up Kiran, Digital Desk: अगर आप भी रियल एस्टेट या इंफ्रास्ट्रक्चर (सड़क, बिजली) जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन सीधे प्रॉपर्टी खरीदने का बजट नहीं है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। भारत में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।

उद्योग निकायों IRA और BIA के अनुसार, पिछले नौ सालों में इन दोनों इंस्ट्रूमेंट्स के तहत मैनेज की जाने वाली कुल संपत्ति (AUM) 9 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई है। अनुमान है कि 2030 तक यह आंकड़ा 25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

क्या होते हैं REITs और InvITs?

सीधे शब्दों में कहें तो ये म्यूचुअल फंड की तरह काम करते हैं। जैसे म्यूचुअल फंड में कई लोगों का पैसा इकट्ठा करके शेयरों में लगाया जाता है, वैसे ही REITs में पैसा इकट्ठा करके बड़े-बड़े ऑफिस, मॉल या कमर्शियल बिल्डिंग्स में निवेश किया जाता है। इन प्रॉपर्टी से जो किराया आता है, उसे निवेशकों में बांट दिया जाता है।

इसी तरह, InvITs में आपका पैसा सड़क, पावर प्लांट, पाइपलाइन और टेलीकॉम टावर जैसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में लगता है। इन प्रोजेक्ट्स से होने वाली कमाई निवेशकों को मिलती है।

बाजार में कौन-कौन से हैं खिलाड़ी?

भारत में इस समय पांच लिस्टेड REITs हैं, जिनमें ब्रुकफील्ड इंडिया रियल एस्टेट ट्रस्ट और एंबेसी ऑफिस पार्क्स REIT जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वहीं, सेबी के पास 27 InvITs रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से पांच शेयर बाजार में लिस्टेड हैं।

इंडियन REITs एसोसिएशन (IRA) के चेयरमैन आलोक अग्रवाल ने कहा, "आज REITs कैपिटल मार्केट में एक मुख्य प्रोडक्ट बन चुके हैं। यह रियल एस्टेट और फाइनेंशियल मार्केट को एक ऐसे तरीके से जोड़ते हैं जो पारदर्शी, रेगुलेटेड और ग्लोबल लेवल का है।" उन्होंने बताया कि लिस्टेड REITs की मार्केट कैप करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये है, जो दिखाता है कि निवेशकों का इस इंस्ट्रूमेंट पर भरोसा बढ़ रहा है।

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