
Up Kiran, Digital Desk: विश्व रेबीज दिवस' के मौके पर राजानगरम के ZP हाई स्कूल में बच्चों को रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में डॉक्टरों ने बच्चों को समझाया कि रेबीज एक 100% जानलेवा बीमारी है, लेकिन समय पर सही कदम उठाकर इससे आसानी से बचा जा सकता है।
डॉक्टरों ने बच्चों को सिखाए जान बचाने के नियम
जिला पशु चिकित्सा विभाग के डॉ. वी रामबाबू ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि रेबीज एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है, इसलिए सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। उन्होंने बच्चों को कुछ बहुत जरूरी बातें बताईं:
कुत्ता काट ले तो क्या करें?: अगर कभी कोई कुत्ता या कोई और जानवर काट ले, तो उस घाव को तुरंत साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक अच्छी तरह धोएं। यह सबसे पहला और सबसे ज़रूरी कदम है।
तुरंत डॉक्टर के पास जाएं: घाव को धोने के बाद बिल्कुल भी देर न करें और फौरन नज़दीकी अस्पताल या डॉक्टर के पास जाएं।
वैक्सीन है सबसे ज़रूरी: डॉक्टर की सलाह पर एंटी-रेबीज वैक्सीन (ARV) के सभी टीके समय पर लगवाएं। यही एकमात्र तरीका है जिससे रेबीज से जान बच सकती है।
पालतू कुत्तों का टीकाकरण: अगर आपके घर में पालतू कुत्ता है, तो उसे समय पर एंटी-रेबीज का टीका ज़रूर लगवाएं ताकि वह और आप दोनों सुरक्षित रहें।
स्कूल के हेडमास्टर वी श्रीनू और अन्य डॉक्टरों ने भी बच्चों को इस बीमारी के लक्षणों और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों के माध्यम से समाज में यह संदेश पहुंचाना था कि रेबीज को लेकर लापरवाही बिल्कुल न बरतें।