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Up Kiran , Digital Desk: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने हालिया बिहार दौरे में दलित और पिछड़े वर्गों के मुद्दों पर जोर देकर महागठबंधन के भीतर असहमति और राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। उनका यह कदम राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
राहुल गांधी ने हाल ही में दरभंगा और पटना में आयोजित 'शिक्षा न्याय संवाद' कार्यक्रमों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने दलित और अत्यंत पिछड़े वर्गों के छात्रों से संवाद किया। इस पहल का उद्देश्य कांग्रेस की सामाजिक न्याय की छवि को मजबूत करना और महागठबंधन में अपनी स्थिति को पुनः स्थापित करना था। हालांकि, इस प्रयास से तेजस्वी यादव की राजनीति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
इसके अतिरिक्त, राहुल गांधी ने बिहार की जातीय गणना को 'फेक' करार दिया, जिसे तेजस्वी यादव ने प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया था। राहुल का यह बयान महागठबंधन के भीतर असहमति को उजागर करता है और आगामी विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे पर भी सवाल खड़ा करता है।
विश्लेषकों के अनुसार, राहुल गांधी का यह आक्रामक रुख महागठबंधन के भीतर सत्ता संघर्ष को और तीव्र कर सकता है। कांग्रेस के इस कदम से तेजस्वी यादव की राजनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है, जिससे आगामी चुनावों में सीटों के बंटवारे और गठबंधन की रणनीतियों पर असर पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, राहुल गांधी की दलित राजनीति पर जोर और महागठबंधन के भीतर असहमति तेजस्वी यादव के लिए नई चुनौतियाँ प्रस्तुत कर रही हैं, जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
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