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political controversy: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। शनिवार को भाजपा ने इल्जाम लगाया कि राहुल गांधी बिना सार्वजनिक घोषणा के वियतनाम और अन्य मुल्कों की बार-बार यात्राएं कर रहे हैं, जो न केवल उनके पद की गरिमा के विरुद्ध है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है।

ये विवाद तब और गहरा गया, जब भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता में राहुल के वियतनाम के प्रति "असाधारण लगाव" पर सवाल उठाए और कहा कि नया साल वियतनाम में, होली भी वियतनाम में? मुझे बताया गया है कि उन्होंने वियतनाम में 22 दिन बिताए हैं, इतना वक्त उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में भी नहीं दिया।

भाजपा के राष्ट्रीय आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस मुद्दे को और हवा दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "विपक्ष के नेता के रूप में राहुल गांधी एक अहम पद पर हैं। उनकी गुप्त विदेश यात्राएं खासकर संसद सत्र के दौरान औचित्य और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। मालवीय ने कांग्रेस से राहुल की इन अक्सर होने वाली यात्राओं का ब्योरा सार्वजनिक करने की मांग की, जिससे यह सवाल और तेज हो गया कि क्या ये यात्राएं वाकई निजी हैं या इनके पीछे कोई छिपा एजेंडा है।

ये विवाद कई सवालों को जन्म देता है। क्या राहुल गांधी वाकई वियतनाम के आर्थिक मॉडल का अध्ययन करने जा रहे हैं। जैसा कि कांग्रेस दावा करती है? अगर हां, तो इन यात्राओं का ब्योरा सार्वजनिक क्यों नहीं किया जाता? और अगर ये निजी यात्राएं हैं, तो क्या विपक्ष के नेता जैसे बड़े पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की "गुप्त" यात्राओं की छूट मिलनी चाहिए?