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Up Kiran, Digital Desk: देहरादून में प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री ने आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर बच्चों को दी जाने वाली सर्दी-खांसी की सिरप को लेकर अब पैरेंट्स सतर्क हो गए हैं। जिला प्रशासन ने जब मेडिकल स्टोरों और थोक दवा विक्रेताओं के यहां अचानक छापेमारी की, तो सामने आया कि कई जगहों पर प्रतिबंधित दवाएं भंडारित थीं।
थोक विक्रेताओं की मुश्किलें बढ़ीं, कई प्रतिष्ठान सील
औषधि नियंत्रण विभाग की इस मुहिम में देहरादून के पलटन बाजार, घंटाघर, ऋषिकेश रोड पर एसपीएस हॉस्पिटल, जॉलीग्रांट, नेहरू कॉलोनी, अजबपुर जैसे कई इलाकों के मेडिकल स्टोरों और दवा गोदामों का निरीक्षण किया गया। जहां भी निषिद्ध दवाएं पाई गईं, उन्हें तुरंत सील कर दिया गया।
अधिकारियों के मुताबिक ये सिरप आमतौर पर बच्चों को खांसी-जुकाम में दी जाती हैं, लेकिन सरकार ने इन पर रोक लगाई है क्योंकि इनके दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं।
दवाइयों की बिक्री पर तत्काल रोक, माता-पिता परेशान
जिन मेडिकल स्टोरों में ये दवाएं मिलीं, वहां अग्रिम आदेश तक बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इससे उन लोगों को परेशानी हो रही है, जो इन दवाओं पर निर्भर थे, खासकर छोटे बच्चों के माता-पिता।
दवा निरीक्षक मानेंद्र राणा ने बताया कि अब तक ज्यादातर थोक विक्रेताओं ने खुद ही इन प्रतिबंधित सिरप्स की बिक्री रोक दी है। हालांकि, एक प्रतिष्ठान पर गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिसे तुरंत बंद कर दिया गया।
गुणवत्ता जांच में भेजे गए 11 दवाओं के नमूने
कार्रवाई के दौरान कुल 11 दवाओं के सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। आगे की कार्यवाही जांच रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी।
इस अभियान में औषधि निरीक्षक विनोद जगूड़ी और निधि रतूड़ी भी शामिल रहीं। विभाग ने यह साफ कर दिया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।