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Up Kiran, Digital Desk: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खासकर चार धाम यात्रा पर गए श्रद्धालुओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। कई जगहों पर भूस्खलन और सड़कों के बंद होने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

सोनप्रयाग में भूस्खलन और बचाव कार्य:
रुद्रप्रयाग जिले में स्थित सोनप्रयाग के पास हुए भूस्खलन से सैकड़ों श्रद्धालु फंस गए थे। हालांकि, त्वरित कार्रवाई करते हुए राज्य आपदा राहत बल (SDRF) और स्थानीय पुलिस ने इन फंसे हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। यह भूस्खलन सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर हुआ, जिससे मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया। बचाव दल लगातार मलबा हटाने का काम कर रहे हैं ताकि मार्ग को जल्द से जल्द खोला जा सके।

बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी अवरुद्ध:
इसी तरह, चमोली जिले में बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-58) भी भूस्खलन के कारण बाधित हो गया है। यहां जोशीमठ और पाखी के बीच मलबा आने से सड़क बंद हो गई है। यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।

मौसम विभाग की चेतावनी:
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यात्रियों और श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे यात्रा करने से पहले मौसम और मार्ग की स्थिति की जानकारी अवश्य ले लें, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं और आवश्यक कदम उठा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह मॉनसून सीजन उत्तराखंड के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है, जहां भूस्खलन और अचानक बाढ़ की घटनाएं आम हो गई हैं।

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