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Up Kiran, Digital Desk: महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। यह याचिका कथित तौर पर उत्तर भारतीयों के खिलाफ उनकी भड़काऊ टिप्पणियों और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हिंसक कृत्यों से संबंधित है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि राज ठाकरे के भाषण और उनके दल के कार्यकर्ताओं का व्यवहार संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(a) के तहत मिले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग है। याचिका में कहा गया है कि उनके भाषणों से समाज में घृणा और विभाजन पैदा होता है, और यह हिंसा को उकसाने का काम करता है, खासकर गैर-मराठी भाषी लोगों के खिलाफ।

इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से यह भी मांग की गई है कि वह महाराष्ट्र पुलिस को राज ठाकरे और उनके समर्थकों के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दे। इसके साथ ही, याचिका में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की भी मांग की गई है।

महाराष्ट्र में भाषा और क्षेत्रवाद को लेकर MNS अक्सर विवादों में रही है। राज ठाकरे ने अतीत में भी उत्तर भारतीय प्रवासियों को लेकर कई विवादास्पद बयान दिए हैं, जिससे राजनीतिक और सामाजिक तनाव पैदा हुआ है। यह पीआईएल अब इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर न्यायिक जांच के दायरे में लाएगी।

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