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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता और किसानों की एक बुलंद आवाज, रामेश्वर डूडी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. 62 साल के डूडी पिछले 25 महीनों से कोमा में थे और शुक्रवार देर रात बीकानेर में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर से पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई . उनका अंतिम संस्कार आज बीकानेर के जाट बागी में किया जाएगा.

जमीनी नेता, जिसका अंदाज था सबसे जुदा

रामेश्वर डूडी को राजस्थान में एक बड़े किसान नेता और जाट चेहरे के तौर पर जाना जाता था. वह अपनी जमीनी पकड़, किसानों के मुद्दों पर बेबाक राय और अपने अलग ही स्टाइल के लिए मशहूर थे. राजनीतिक गलियारों में उनके स्टाइलिश पहनावे की भी खूब चर्चा होती थी.

उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2004 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीकानेर सीट से बीजेपी उम्मीदवार और बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि वह चुनाव हार गए, लेकिन इस मुकाबले ने उन्हें एक ताकतवर नेता के तौर पर स्थापित कर दिया.

दिग्गजों ने जताया दुख, कहा- पार्टी के लिए बड़ी क्षति

अगस्त 2023 में ब्रेन स्ट्रोक का शिकार होने के बाद से ही डूडी की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके निधन को एक "व्यक्तिगत क्षति" बताया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "रामेश्वर डूडी का इतनी कम उम्र में चले जाना चौंकाने वाला है. चाहे सांसद हों, विधायक हों या नेता प्रतिपक्ष, उन्होंने हर जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाया. वे हमेशा किसानों के हक के लिए लड़े."

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, "छात्र राजनीति से लेकर जिला प्रमुख और फिर नेता प्रतिपक्ष तक का उनका सफर प्रेरणा देने वाला था. जब मैं प्रदेश अध्यक्ष था, तो मैंने उनके साथ मिलकर काम किया. उन्होंने तत्कालीन बीजेपी सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करने में अहम भूमिका निभाई. वह किसानों के एक मजबूत पैरोकार थे."

डूडी का जाना कांग्रेस पार्टी और राजस्थान की किसान राजनीति के लिए एक बड़ा नुकसान माना जा रहा . जिसकी भरपाई आसान नहीं होगी.